नयी दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 जून, 2004 को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों के निशाने पर थे. इस बात का खुलासा इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के खत से होता है. इस खत में खुद आईबी ने माना कि इस बाबत उसने बाकायदा गुजरात पुलिस को जानकारी दी थी गोधरा दंगों के बाद नरेंद्र मोदी समेत लाल कृष्ण आडवाणी और प्रवीण तोगड़िया पाकिस्तान के आतंकियों के निशाने पर हैं. आज तक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट से पूरे मामले से अब पर्दा हट गया है.
आतंक की खौफनाक साजिश बेपर्दा होती है आईबी चीफ की उस चिट्ठी से भी, जो उन्होंने 13 फरवरी, 2013 को सीबीआई निदेशक के नाम लिखी गई है. इस खत में साफ-साफ लिखा है…
गोधरा दंगों के बाद से आईबी को ये जानकारियां मिल रही हैं कि नरेन्द्र मोदी समेत कई हिंदूवादी और धार्मिक नेताओं की जान का खतरा है. एक खास जानकारी के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा भारत में सक्रिय अपने लोगों से लाल कृष्ण आडवाणी, नरेन्द्र मोदी और वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया की आवाजाही के बारे में जानकारियां इकट्ठा करने के लिए कह रहा है.
आईबी ने इस जानकारी को 22 अप्रैल, 2004 को सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को भेजा. इस जानकारी पर काम करते हुए आईबी ने अपनी सभी इकाइयों को आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने को भी कहा.
आईबी के अहमदाबाद के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेन्द्र कुमार ने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर केआर कौशिक से मिलकर बाकयदा ये जानकारी भी दी कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दो आतंकवादी अलग-अलग मकसद से गुजरात में सक्रिय हैं. इन दोनों आतंकवादियों को महाराष्ट्र के पुणे इलाके का रहने वाला एक हिदुस्तानी यहां मदद कर रहा है.
मतलब, आईबी के खत से साफ है कि खुफिया विभाग ने नरेन्द्र मोदी को मारने की मंशा से गुजरात में घूम रहे दो पाकिस्तानियों को लेकर गुजरात पुलिस को जानकारी दी थी. आईबी के इसी खत में आगे कहा गया है कि इशरत जहां समेत मारे गए चारों आतंकवादियों के बारे में आईबी को मीडिया के हवाले जानकारी मिली. इसी खत में कहा गया है कि मारे गए चार में से दो आतंकवादी जिस उर्फियत का इस्तेमाल कर रहे थे, वो उससे मिलता-जुलता है जैसा कि अहमदाबाद के ज्वाइंट डायरेक्टर ने पुलिस कमिश्नर को मिलकर जानकारी दी थी.
एफबीआई ने जिस डेविड हेडली को गिरफ्तार किया, उसने भी अपने बयान में कहा है कि लश्कर के कमांडर मुजम्मिल ने उसे बताया था कि इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की फिदायीन आतंकी है, जिसे खुद मुजम्मिल ने ही लश्कर में शामिल किया था.
इतना ही नहीं कश्मीर में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी शहीद महमूद बसरा ने बी बताया था कि अहमदाबाद में मारे गए आतंकियों मे से एक पाकिस्तानी फिदायीन है. मुजम्मिल ने वीआईपी लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजा था.
इशरत जहां समेत चारों आतकवादी फर्जी मुठभेड़ में मारे गए या नहीं, इस बात का फैसला अदालत करेगी, लेकिन एक बात साफ है कि इशरत आतंकवादी थी औऱ उसका रिश्ता लस्कर-ए- तैयबा के कमांड़र के साथ ही उन दोनों पाकिस्तानियों से भी था, जिनको हिंदुस्तान में नेताओं औऱ वीआईपी लोगों को मारने की मंशा से लस्कर ने भेजा था.