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अब उमर अब्दुल्ला भी बोले नमो-नमो
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की भी नरेंद्र मोदी से अपेक्षाएं बढ़ गयी हैं और उनसे वे आशान्वित हैं. आज उन्होंने कहा कि उनके बाढ़ प्रभावित राज्य को पुननिर्माण कार्यो में केंद्र से मदद को लेकर कोई संदेह नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के […]
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की भी नरेंद्र मोदी से अपेक्षाएं बढ़ गयी हैं और उनसे वे आशान्वित हैं. आज उन्होंने कहा कि उनके बाढ़ प्रभावित राज्य को पुननिर्माण कार्यो में केंद्र से मदद को लेकर कोई संदेह नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान इस प्राकृतिक आपदा का खास तौर पर जिक्र किया.
उमर ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों की मदद का खास तौर पर जिक्र किए जाने से मदद को लेकर कोई संदेह नहीं रह जाता है.
उमर ने कहा कि उनकी सरकार नुकसान का ज्ञापन तैयार कर रही है जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण में मदद के लिए केंद्र को सौंपा जाएगा. बाढ़ में श्रीनगर सबसे ज्यादा प्रभावित रहा. उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार को भेजने के लिए ज्ञापन तैयार किया जा रहा है. उमर ने यह उम्मीद भी जतायी कि केंद्र राज्य के बाढ़ पीड़ितों के लिए राज्य आपदा निरोधक बल के प्रावधानों में शिथिलता की अनुमति देगा.
उन्होंने सवाल किया, 2005 में उरी भूकंप में यह 1.3 लाख था, 2010 में लेह में बादल फटने में 2.5 लाख. ऐसे में 2014 में श्रीनगर को कैसे 75 हजार रुपये मिल सकता है? उमर ने कहा कि 75 हजार रुपए की राशि राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों को दी जाने वाली अंतिम राहत राशि नहीं है. उन्होंने साफ तौर पर कहा, बाढ़ के समय से ही मैंने कई बार कहा है कि यह अंतरिम राहत है जो अंतिम पैकेज के लंबित रहने तक एसडीआरएफ की सीमा पर आधारित है.
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