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शीतकालीन सत्र_ राज्यसभा के 250वें सत्र पर बोले PM मोदी- देश में लंबा कालखंड ऐसा रहा जब विपक्ष नहीं था

नयी दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया, जो 13 दिसंबर तक चलेगा. संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू हो गयी है. एक तरफ जहां सत्ताधारी बीजेपी पिछले सत्र की तरह इस बार भी अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्षी दलों की कोशिश है कि […]

नयी दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया, जो 13 दिसंबर तक चलेगा. संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू हो गयी है. एक तरफ जहां सत्ताधारी बीजेपी पिछले सत्र की तरह इस बार भी अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्षी दलों की कोशिश है कि सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर घेरा जाए. जानिए हर अपडेट लाइव….
– पीएम मोदी के भाषण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस विशेष मौके पर अपना संबोधन शुरू किया.
-पीएम मोदी ने अंत में कहा- इस सदन को यहां तक लाने वाले सभी लोगों का आभार. आप सभी का फिर से धन्यवाद

– पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में एनसीपी और बीजेडी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि उनके सांसद कभी वेल में नहीं जाते हैं और ऐसा नियम उन्होंने खुद के लिए बनाया है. अटल विहारी वाजपेयी जी ने 2003 में राज्यसभा के 200वें सत्र के दौरान कहा था कहा था, किसी को भी हमारे सेकंड हाउस को सेकंडरी हाउस बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
– पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ है और हमें राष्ट्रीय दृष्टिकोण से ओझल नहीं होना है. हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण। राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं.
– हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था. उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला. लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी. ये हम सबके लिए स्मरणीय है. इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थ्य मूल्यवान होता है.
-पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था. उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला. लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी. ये हम सबके लिए स्मरणीय है.
– पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा का फायदा है कि यहां वैज्ञानिक, कलाकार और खिलाड़ी जैसे तमाम व्यक्ति आते हैं जो लोकतांत्रिक तरीके से चुने नहीं जाते हैं. बाबा साहेब इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. वे लोक सभा के लिए नहीं चुने जा सके लेकिन वे राज्यसभा पहुंचे. बाबा साहेब अंबेडकर के कारण देश को बहुत कुछ प्राप्त हुआ.

पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन के दो पहलू खास हैं स्थायित्व और विविधता. स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती. विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है.
– पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र में शामिल होना मेरा सौभाग्य है. संसद भारत की विकास यात्रा का प्रतिबिंब है. 250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है. एक विचार यात्रा रही. समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया. सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं.

– पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र में शामिल होना मेरा सौभाग्य है. संसद भारत की विकास यात्रा का प्रतिबिंब है. 250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है. एक विचार यात्रा रही. समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया. सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं.
– पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राज्यसभा में योगदान देने वालों का अभिनंदन किया. उसके बाद उन्होंने कहा कि सदन ने बदले हालात में खुद को ढालने की कोशिश की. बोले- मेरे लिए सौभाग्य का विषय है कि इस महत्वपूर्ण अवसर का साक्षी बनना का मुझे मौका मिला है.इस सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखें है और इतिहास बनाया भी है. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर इतिहास को मोड़ने में भी सफलता पायी है.
– राज्यसभा के 250वें सत्र के विशेष मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नो राज्यसभा को संबोधित करना शुरू किया.

– दोपहर दो बजे राज्यसभा की कार्यवाही वापस शुरू हुई. सभापति वेंकैया नायडू ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यसभा के 250वें सत्र का हिस्सा होना एक बड़ी बात है. मैं आप लोगों को बधाई देता हूं.
– विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
– राज्यसभा के 250वें सत्र के विशेष मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोपहर दो बजे राज्यसभा को संबोधित करेंगे.

– मीनाक्षी लेखी और मनोज तिवारी के बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने दिल्ली में प्रदूषित पानी पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमने पानी की जांच करवाई और सारे सैंपल फेल हो गए. आप नेताओं को भी बुलवाया लेकिन वे लगातार कहते रहे कि हमारा पानी शुद्ध है. सब जगह स्वच्छ पानी मिलना चाहिए. 3 अक्टूबर को हमने बैठक बुलवाई थी और देश भर में एक महीने के भीतर पानी की जांच करने की बात कही. 21 प्रदेशों की जांच हुई जिसमें सबसे अच्छा मुंबई और सबसे खराब पानी दिल्ली का निकला.
– बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने दिल्ली-एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण का मुद्दा सदन में उठाते हुए कहा कि राज्य सरकारें एकदूसरे पर ब्लेम गेम खेल रही हैं. दिल्ली की एमसीडी को केन्द्र सरकार द्वारा कई करोड़ रुपये दिए गए. लेकिन फिर भी दिल्ली में एक्यूआई लेवल 600-700 के आसपास बना हुआ है. स्कूल बंद करने पड़े. इस वजह से बच्चों को घरों में कैद रहना पड़ा. दिल्ली की सड़कें सुनसान हो गईं.
– जम्मू-कश्मीर की स्थिति और फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी पर हंगामे के बाद प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट कर लिया है. इससे पहले शिवसेना के सांसद भी सदन की कार्यवाही छोड़ बाहर जा चुके हैं.
-राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
– संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही हंगामा शुरू हो गया. जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर कांग्रेस तथा महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति को लेकर शिवसेना के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर सदन में नारेबाजी की. सदन की कार्यवाही राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ शुरू हुई. इसके बाद चार नए सदस्य.. प्रिंस राज, हिमाद्री सिंह, श्रीनिवास दादा पाटिल और डीएम काथिर आनंद को शपथ दिलाई गयी.
– प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष लगातार नारेबाजी कर रहा है और हंगामा करने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष की तरफ से लोकसभा में "तानाशाही बंद करो. तानाशाही नहीं चलेगी. झूठे केस बंद करो" जैसे नारे लगाए जा रहे हैं. लोकसभा स्पीकर कई बार उनसे शांत रहने की अपील कर चुके हैं.

-ओलंपिक पदक विजेता और राज्यसभा सांसद मैरी कॉम भी पहुंची संसद

– राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा- मैं अरुण जेटली को व्यक्तिगत रूप से जानता था. हमारे बीच की दुर्लभ राजनीतिक खटास हमारे निजी संबंधों के कारण मिठास में बदल जाती थी. छात्र जीवन से लेकर अपनी मृत्यु तक, उनका जीवन बहुत सक्रिय रहा. वह एक अच्छे छात्र, अच्छे संचालक और अच्छे नेता थे. जेटली जी का जाना अकेले पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश का नुकसान है। मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले

– दिल्ली: महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग को लेकर शिवसेना सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद पहुंची. सरकार ने हाल ही में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के एसपीजी कवर को वापस ले लिया. अब सरकार ने उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी है.
– लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही से पहले अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि दी।

– राज्यसभा में कार्यवाही से पहले स्पीकर वैंकेया नायडू ने जगन्नाथ मिश्रा, अरुण जेटली, सुखदेव सिंह लिब्रा, राम जेठमलानी, गुरुदास गुप्ता को श्रद्धांजलि दी.
– दिल्ली: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और राज्यमंत्री मनसुख मंडविया साइकल से संसद पहुंचे.

– कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हम पीएम और सत्तारूढ़ पार्टी से भी उम्मीद करते हैं कि आम जनता के हित से जुड़े सभी मुद्दों पर संसद के अंदर चर्चा हो. संसद चर्चा, बहस और संवाद के लिए होती हैृ. सरकार के लिए सदन को सुचारू रूप से चलाना अनिवार्य है ताकि विपक्षी दल अपनी राय को उचित तरीके से व्यक्त कर सकें. यह संसदीय लोकतंत्र का सार है.

– दिल्ली: राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फैयाज ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
– नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को लेकर टीएमसी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
– कांग्रेस ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.
– शिवसेना में महाराष्ट्र में भारी बारिश से हुई फसल की तबाही पर चर्चा के लिए लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया.
– लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू.

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि 2019 का ये आखिरी संसद सत्र है, राज्यसभा का 250वां सत्र है. इस सत्र के दौरान 26 तारीख को हमारा संविधान दिवस है, हमारे संविधान के 70 साल हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि संविधान देश की एकता, अखंडता और विविधता को समेटे हुए है. बीते दिनों सभी दल के नेताओं से मिलने का मौका मिला है, जैसे पिछली बार सभी दलों के सहयोग के कारण चला था, ऐसा ही इस बार भी होने की उम्मीद है. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं, वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने को योगदान दें. सभी सांसदों को शुभकामनाएं देते हुए सभी का धन्यवाद.
शीतकालीन सत्र सोमवार यानि आज से शुरू हो रहा है, जो 13 दिसंबर तक चलेगा. ऐसे में एक तरफ जहां एक तरफ सत्ताधारी बीजेपी पिछले सत्र की तरह इस बार भी अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्षी दलों की कोशिश है कि सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर घेरा जाए.
इस सत्र में जिन प्रमुख विधेयकों पर चर्चा होनी है उनमें नागरिकता संशोधन विधेयक शामिल है, जिसे सरकार अपने पिछले कार्यकाल में पारित नहीं करा पाई थी. रविवार को सरकार की ओर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि संसद का सबसे महत्वपूर्ण काम चर्चा और बहस करना है.

यह एक ऐतिहासिक सत्र होगा क्योंकि इस बार राज्यसभा की 250 वीं बैठक होगी. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि आगामी सत्र में देश के विकास और लोगों के सशक्तिकरण पर चर्चा हो पाएगी. पिछले सत्र में सरकार ने राज्यसभा में अपना बहुमत न होते हुए भी तीन तलाक और एनआईए की ताकत बढ़ाने वाले बिल को पास करा लिया था.
पिछले बजट सत्र और इस शीतकालीन सत्र में कई राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे रहे, जिन पर सदन में हंगामा होना लगभग तय है. जहां पिछली बार विपक्ष लोकसभा में करारी हार के कारण कुछ दबा हुआ महसूस कर रहा था, वहीं कुछ राज्यों के चुनावी नतीजों ने उसमें फिर से हवा फूंकी है.
संसद में पिछली बार से ताकतवर हुआ विपक्ष
राज्यसभा सत्र के दौरान सुस्त होती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, किसानों के संकट और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेताओं की हिरासत को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा खड़ा हो सकता है. महाराष्ट्र की अस्थिर राजनीतिक स्थिति की पृष्ठभूमि को लेकर भी चर्चा होगी. जहां सत्तारूढ़ बीजेपी लंबे समय से सहयोगी रही शिवसेना से अलग हो गई है. अब यहां सरकार गठन के लिए शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन द्वारा एकजुट होने के लिए तैयार है.
शिवसेना के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर होने के साथ विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपनी संख्या को बढ़ा लिया है. संयुक्त विपक्ष की ताकत लोकसभा में 200 के आंकड़े को पार कर गई है, जहां संख्या की कमी के कारण विपक्ष के नेता का पद खाली है.शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद हैं और राज्यसभा में तीन सांसद हैं. पार्टी महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण बनने के साथ विपक्ष की बेंच में चली गई है.
बड़ी बातें
– महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य में चुनावों के बाद यह पहला संसद सत्र होगा. बीजेपी को दोनों ही राज्यों में आराम से जीतने की उम्मीद थी, लेकिन हरियाणा में सरकार बनाने के लिए उसे दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी की जरूरत पड़ी. वहीं महाराष्ट्र भी अब उसके हाथ से लगभग निकल गया है. शिवसेना वर्षों पुराना गठबंधन तोड़कर अब विपक्षी दलों एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर विचार कर रही है.
– संसद के शीतकालीन सत्र में 26 दिनों में कुल 20 बैठकें होंगी. इसमें चार निजी सदस्यों के दिन शामिल हैं. संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाने की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक 26 नवंबर को सेंट्रल हॉल में आयोजित की जाएगी.
– संसद के इस सत्र में लगभग 50 विधेयकों को प्रस्तुत किया जाना है, जिसमें नागरिकता (संशोधन) विधेयक सबसे महत्वपूर्ण है. इसका लक्ष्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना है. पिछली बार विपक्ष ने इस बिल को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताते हुए पुरजोर विरोध किया था.
– राज्यसभा में पिछली बार बिल बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के अल्पमत में होने के कारण बिल पास नहीं हो सका था. इस बार यहां बिल को पास कराने पर खासा जोर रहेगा लेकिन यहां सरकार के लिए थोड़ी मुश्किल हो गई है क्योंकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर खींचतान के बीच अब शिवसेना ने एनडीए से किनारा कर लिया है.
– इस सत्र में चर्चा के लिए हेल्थकेयर सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान विधेयक भी शामिल है, जिसका उद्देश्य डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को हिंसा से बचाना है. हाल के कुछ महीनों में डॉक्टरों और मरीजों के बीच झड़प की कई खबरें सामने आईं हैं. सितंबर में असम में भीड़ ने 73 साल के एक मेडिकल प्रैक्टिशनर की हत्या कर दी थी.
– अन्य प्रमुख बिल जो कि उठाए जाएंगे, वे हैं- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, द पेस्टिसाइड्स मैनेजमेंट बिल, द माइन्स एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन विधेयक और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) विधेयक.
– इसके अलावा, राज्यसभा में कुल 10 बिल लंबित हैं, जिनमें से एक ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों की रक्षा करने और एक संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 2019 में संशोधन करने से संबंधित है.
– इस महीने की शुरुआत में, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा था कि विपक्षी दलों ने संसद सत्र के दौरान आर्थिक मंदी, आरसीईपी, कृषि संकट और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर एक संयुक्त विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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