Delhi: Today is the last working day of Chief Justice of India Ranjan Gogoi. CJI Gogoi retires on November 17. He sat with Chief Justice designate SA Bobde in Court 1 and issued notices in all 10 cases listed today. (file pic) pic.twitter.com/jLhbW7U1X5
— ANI (@ANI) November 15, 2019
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CJI रंजन गोगोई का आज सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन, इन ऐतिहासिक फैसलों के कारण रखा जाएगा याद
नयी दिल्लीः देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश(सीजेआई) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. हालांकि व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो ही आज उनके कामकाज का आखिरी दिन है. सीजेआई के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. इस दौरान उन्होंनें कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें […]
नयी दिल्लीः देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश(सीजेआई) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. हालांकि व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो ही आज उनके कामकाज का आखिरी दिन है. सीजेआई के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. इस दौरान उन्होंनें कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ ऐतिहासिक फैसले भी शामिल हैं. इन फैसलों के कारण उन्हें लंबे वक्त तक याद रखा जाएगा.
सीजेआई रंजन गोगोई ने रिटायर होने से पहले के आखिरी दिनों में चार अहम फैसले दिए. राम मंदिर के निर्माण को हरी झंडी दी और अब सबरीमाला राफेल डील और राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना केस में अपना फैसला सुना दिया. सीजेआई को अयोध्या मामले, चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे मामलों पर फैसले देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा.
सीजेआई रंजन गोगोई 18 नवंबर को 65 साल के हो जाएंगे और संविधान में चीफ जस्टिस के रिटायर होने की उम्र 65 साल है. 18 नवंबर को रंजन गोगोई का चीफ जस्टिस पद से रिटायर होने के बाद पहला जन्मदिन होगा. रंजन गोगोई को तीन अक्टूबर 2018 को भारत का चीफ जस्टिस 46वां नियुक्त किया गया था.
18 नवंबर 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने साल 1978 में बतौर एडवोकेट अपने करियर की शुरुआत की थी. रंजन गोगोई के पिता केशब चंद्र गोगोई असम मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जस्टिस रंजन गोगोई ने अपना करियर गुवाहाटी हाईकोर्ट में परमानेंट जज के तौर पर फरवरी 2001 में शुरू किया था. 2010 में उनका ट्रांसफर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया जहां 2011 में उन्हें हाईकोर्ट चीफ जस्टिस बना दिया गया.
23 अप्रैल 2012 से वह सुप्रीम कोर्ट के जज हो गए और अब नॉर्थ-ईस्ट भारत से देश के चीफ जस्टिस बनने वाले वो पहले शख्स हैं. डीयू के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में हिस्ट्री से ग्रैजुएशन पूरा किया. उन्होंने लॉ की पढ़ाई शुरू करने से पहले यहीं से एमए भी किया.
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