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#GopalKanda : हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर, लौटेंगे अच्छे दिन?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गोपाल कांडा सुर्खियों में हैं. सिरसा से जीतकर आये हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं. चूंकि हरियाणा में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआहैऔर सरकार बनाने के लिए उन्हें छह विधायकों की जरूरत है. ऐसे में सिरसा से जीतकर […]

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गोपाल कांडा सुर्खियों में हैं. सिरसा से जीतकर आये हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं.

चूंकि हरियाणा में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआहैऔर सरकार बनाने के लिए उन्हें छह विधायकों की जरूरत है. ऐसे में सिरसा से जीतकर आये हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.

आपको बता दें कि कांडा एक एयरहोस्टेस के सुसाइड केस में आरोपी हैं, इसी बात को लेकर वह चर्चा में हैं. हवाई चप्पलका कारोबार कर चुके गोपाल कांडा एक समय में एयरलाइंस कंपनी के मालिक भी रहे हैं. उनके इस सफर पर आइए डालें एक नजर…

आम आदमी से राजनेता बनने का सफर
हरियाणा के सिरसा में दिसंबर 1965 में जन्मे गोपाल कांडा का बचपन रानीतिक गलियारों के करीब गुजरा है. उनके पिता मुरली कांडा सिरसा में वकील थे और इनेलो नेता ओमप्रकाश चौटाला के करीबी थे.

कांडा ने करियर के शुरुआतीदिनों में हवाई चप्पल और जूतों की दुकान चलायी. फिर जूतों की छोटी फैक्ट्री भी लगाई. 1997 में कांडा ने अपना कारोबार गुरुग्राम शिफ्ट किया, जहां वह रियल एस्टेट के बिजनेस में लग गये.

राजनीति में आगमन
साल 1999 मेंजब ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने, उन दिनों कांडा का प्रॉपर्टी बिजनेस चरम पर था. 2005 में कांडा ने अपने पिता मुरली धर और बेटे लखपत राम के साथ मिलकर एमडीएलआर (Murli Dhar Lakh Ram, MDLR) एयरलाइंस शुरू की. होटल और मॉल चलाने के लिए कंपनी बनायी. गोवा में कसीनो बनाया. 2009 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पाले में गये
2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 40 सीटें मिली थीं. उन्हें सरकार बनाने के लिए अन्य विधायकों की जरूरत थी. तब कांडा ने उन्हें समर्थन दे दिया और बदले में उन्हें गृह राज्यमंत्री का पद मिला. फिर शहरी निकाय, वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री बनाया गया.

गीतिका शर्मा सुसाइड केस
गोपाल कांडा का नाम साल 2012 में तब चर्चा में आया था, जब उनकी एयरलाइन कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली. अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने कथित तौर पर गोपाल कांडा और उनकी कंपनी की एक कर्मचारी अरुणा चड्ढा का नाम लिया था.

कांडा एमडीएलआर एयरलाइंस के मालिक थे, जहां गीतिका एयर होस्टेस थीं. कांडा ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया था और लगभग 10 दिनों तक अंडरग्राउंड रहनेके बाद उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

गोपाल कांडा पर बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश रचने जैसे तमाम आरोप लगे थे. इस बीच उन्होंने हुड्डा सरकार से भी इस्तीफा दे दिया.

गीतिका की मां ने कर ली आत्महत्या
गीतिका शर्मा की आत्महत्या के छह महीने बाद उनकी मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और उन्होंने भी अपने सुसाइड नोट में कथित तौर पर कांडा का नाम लिया था. गोपाल कांडा को लगभग 18 महीने जेल में रहना पड़ा.

बाद में मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर लगे रेप के आरोप हटा लिये थे और उन्हें जमानत दे दी. जमानत पर बाहर आने के बाद साल 2014 में ही गोपाल कांडा ने अपने भाई के साथ मिलकर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) का गठन किया और विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए. इस बार उन्हें सफलता हासिल हुई है और लगताहै कि अब उनके अच्छे दिन आनेवाले हैं!

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