नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संयुक्त महासचिव डॉ. कृष्ण गोपाल ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर दारा शिकोह ने भारत में शासन किया होता तो इस्लाम देश में पनपता और हिन्दू भी इसे बेहतर तरीके से समझ पाते.
डॉ. गोपाल राजधानी में मुगल सम्राट औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे. कृष्ण गोपाल ने कहा कि भारत में इतनी बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है बावजूद इसके वे अपने आप को इतना अलग या असुरक्षित महसूस क्यों करते हैं. उन्होंने कहा कि आपसी समझ का अभाव इसका कारण है.
RSS joint general secretary Dr Krishna Gopal at an event in Delhi yesterday: I can say with confidence that if Dara Shikoh had ruled India then Islam would have flourished in the country & Hindus would have also understood Islam better. pic.twitter.com/kpTXfqFKfz
— ANI (@ANI) September 12, 2019
बादशाह शाहजहां के सबसे बड़े पुत्र थे दारा शिकोह
बता दें कि दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहां के सबसे बड़े बेटे थे. शाहजहां के अन्य बेटों में औरंगजेब, शाहशुजा और मुरादबख्श थे. इतिहासकारों का मानना है कि दारा शिकोह, मुगल सम्राट बनने के लिए शाहजहां की पहली पंसद थे. लेकिन अपनी उदार धार्मिक नीतियों की वजह से वे उलेमाओं की नजरों में खटकते थे. सूफी मत के प्रति झुकाव के कारण औरंगजेब की भी दारा शिकोह से खटास थी. दारा शिकोह का नजरिया ये था कि सभी धर्मों के साझा सहयोग से सल्तनत चलाई जाए.
कभी उलेमाओं की पंसद नहीं बने पाये दारा शिकोह
उलेमाओं से बढ़ती खटास और औरंगजेब की ईर्ष्या का शिकार एक दिन दारा शिकोह को होना पड़ा. औरंगजेब के साथ कई असफल लड़ाइयां लड़ने के बाद आखिरकार दारा शिकोह की हत्या कर दी गई और औरंगजेब का शासन स्थापित हुआ. औरंगजेब के शासनकाल को इतिहास में कट्टर इस्लामिक विचारधारा और हिन्दू उत्पीड़न के तौर पर याद किया जाता है.
‘भारत में छूआछूत अंग्रेजों की साजिश का हिस्सा’
डॉ. गोपाल कृष्ण ने ये भी कहा कि भारत में जातियों की श्रेणियां थीं लेकिन इनमें छूआछूत जैसी बात नहीं थी. उन्होंने कहा कि भारत में छूआछूत की प्रथा अंग्रेजों की फूट करो और राज करो की नीति के षड्यंत्र का हिस्सा है. डॉ. गोपाल ने कहा कि छूआछूत की व्यवस्था अंग्रेजों की भारतीय समाज को बांटने की नीति का हिस्सा थी.