देश में न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए न्यायविदों ने संसद में न्यायिक नियुक्ति बिल की पेशकश की है. केंद्र सरकार ने इस बिल को अगले सप्ताह संसद में प्रस्तुत करने का मन बना लिया है. पार्टी के अंदर हुए विचार-विमर्श के बाद इस बिल को अगले सप्ताह संसद में लाने का फैसला लिया गया है.
यह खबर उस वक्त जोर पकडी जब कई न्यायविदों ने मौजूदा कोलेजियम प्रणाली को खत्म करने की मांग की. केलेजियम प्रणाली वह प्रकिया है जिसके तहत न्यायधीश ही न्यायधीशों की नियुक्ति कर सकते हैं. इस मुद्दे पर पहले से ही चर्चा शुरू हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक सरकार न्यायिक प्रक्रिया में सुधार लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि न्यायधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है और इस दिशा में आम सहमति भी बन चुकी है. सरकार न्यायधीशों के ऐतराज के मद्देनजर न्यायिक मानदंड और जवाबदेही विधेयक पर फिर से चर्चा कर सकती है. इस बिल से उम्मीद लगाई जा रही है कि देश की न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा.