अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने आज खुद को राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के मामले में सुनवाई से अलग कर लिया. कोडनानी ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर नियमित जमानत की मांग की है.उन्हें साल 2002 में हुए नरौदा पटिया दंगा मामले में दोषी ठहराया गया था.कोडनानी ने अपने बिगडते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए राहत की गुहार लगायी थी लेकिन न्यायमूर्ति अनंत एस दवे ने कोडनानी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया.
यह मामला आज जब सुनवाई के लिए आया तो न्यायाधीश ने बिना कोई कारण बताए साफ शब्दों में कहा , ‘‘मेरे समक्ष नही.।’’ कोडनानी ने जमानत याचिका में कहा है कि विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी अपील दिसंबर 2012 से गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है. अपील पर निकट भविष्य में सुनवाई होने की संभावना नहीं है. इसके मद्देनजर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. कोडनानी के जमानत आवेदन पर कल एक अन्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई होगी.
कोडनानी को इस साल फरवरी में उच्च न्यायालय ने अस्थायी जमानत दी थी। हालांकि, बाद में इसी महीने उनकी रिहाई की अवधि को बढाने से इंकार कर दिया गया था.विशेष एसआईटी अदालत ने अगस्त 2012 में तत्कालीन भाजपा विधायक माया कोडनानी, बजरंग दल नेता बाबू बजरंगी और 29 अन्य को 2002 के नरौदा पटिया मामले में दोषी ठहराया था। इस मामले में 97 लोगों की बर्बर हत्या की गई थी.