नयी दिल्लीः वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में महंगाई पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रेल किराये में हुई बढोतरी पर सफाई दी. उन्होंने यूपीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने वक्त रहते इस पर कड़े फैसले नहीं लिये जिसके कारण रेलवे का हाल इतना बुरा है.
यूपीए ने रेल को बहुत बुरे हाल में छोड़ा है. चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार कड़ा फैसला लेने से डरती रही. फरवरी में जो अंतरिम बजट आना था उस वक्त के हालात की चर्चा करते हुए जेटली ने कहा कि उस वक्त रेलवे का घाटा तीस हजार रुपये का था. उस वक्त घाटे को पूरा करने के लिए रेल किराये में बढोतरी का निर्णय लिया गया.
लेकिन सरकार ने उसवक्त उसे लागू नहीं किया गया. इससे साफ है कि यूपीए ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए रेलवे में घाटे को होने दिया. अगर हम महंगाई पर चर्चा कर रहे हैं तो राज्यसभा के सभी सदस्यों को पूरी जानकारी होनी चाहिए. अगर किराया नहीं बढ़ता तो रेलवे का चक्का जाम हो जाता. अगर आप सुविधाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको पैसे चुकाने होंगे. अबतक जितनी भी महंगाई हुई है उसका कारण यूपीए सरकार का कामकाज का तरीका है. यूपीए की नीति के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ें.अभी जो रेल किराये में बढोतरी हुई है वह यूपीए के खाते का है हमारे खाते का कल पता चलेगा.