नयी दिल्ली : कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को संकेत दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार यूपीए सरकार द्वारा पेश संवैधानिक संशोधन बिल पर फिर से काम करेगी, जिसमें न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका की भी भागीदारी की बात थी.
प्रसाद ने कहा कि हम राष्ट्रीय न्यायिक आयोग लाना चाहते हैं, जिसमें न्यायपालिका और कार्यपालिका की मौजूदगी रहेगी, लेकिन न्यायपालिका भी मजबूत स्थिति में रहेगी. हम बिल एक उद्देश्यपूर्ण तरीके से लायेंगे. जो बिल यूपीए सरकार ने पेश किया था, उसमें कई खामियां थीं. कहा, दिवंगत न्यायमूर्ति जेएस वर्मा सहित कई न्यायविदों ने वर्तमान कोलेजियम प्रणाली की कार्यशैली पर सवाल उठाया था.
प्रसाद ने आप की अदालत में रजत शर्मा से कहा, हमारी पार्टी ने चुनावी घोषणापत्र में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग लाने का वादा किया था. क्या राजग सरकार न्यायपालिका पर नियंत्रण कायम करना चाहती है, के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि न्यायपालिका स्वतंत्र हो.