नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज एक उच्चस्तरीय बैठक में संभावित कमजोर मानसूस से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निबटने के सिलसिले में 500 जिलों के वास्ते एक आकस्मिक योजना पर चर्चा हुई. कमजोर मानसून से दामों पर पडने वाले प्रभावों को लेकर उत्पन्न चिंता के बीच प्रधानमंत्री के निवास पर यह बैठक हुई जिसमें चार कैबिनेट मंत्रियों- कृषि, खाद्य, उर्वरक और जल संसाधन तथा तीन राज्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
मोदी ने कृषि, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, जैविक कृषि, उर्वरकों और रसायनों तथा पशुपालन से जुडे मुद्दों की विस्तार से समीक्षा की. प्रधानमंत्री को विभिन्न विभागों के सचिवों ने इन क्षेत्रों की योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने विशेषकर कृषकों के संकट कम करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाने पर बल दिया.प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘कमजोर मानसून की संभावना के मद्देनजर कृषि मंत्रलय ने 500 जिलों के लिए आकस्मिक योजना पेश की.’’ कृषि सचिव आशीष बहुगुणा ने मानसून समेत इस क्षेत्र के अहम मुद्दों पर प्रेजेंटेशन रखा. यह बैठक विभिन्न मंत्रलयों की एक के बाद एक समीक्षा करने की श्रृंखला के तहत हुई थी जिसका प्रधानमंत्री पहले ही सचिवों के साथ अपनी बैठक में इसका उल्लेख कर चुके थे.
उसमें केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, उमा भारती, राम विलास पासवान और राधा मोहन सिंह ने हिस्सा लिया. मोदी ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा, ‘‘कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जैविक कृषि, मृदा स्वास्थ्य तथा कृषि से जुडे अन्य मुद्दों पर मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ सार्थक चर्चा हुई.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ ‘प्रयोगशाला से जमीन तक’ पहल कैसे कृषि को मजबूत कर सकती है और हमारे किसानों की मदद कर सकती है, जैसे अभिनवकारी विचारों पर हमने चर्चा की.’’ चूंकि ज्यादातर चर्चा कृषि और मानसून पर केंद्रित रही इसलिए डेयरी एवं पशुपालन, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, उर्वरक तथा जल संसाधन विभागों के प्रजेंटेंशन नहीं रखे जा सके.
सूत्रों ने बताया कि कमजोर मानसून के असर को कम से कम करने के लिए सरकार की तैयारी से मोदी को अवगत कराया गया तथा उन्हें यह भी बताया गया कि फिर से बुआई के लिए बीज खरीदने तथा फसलों को बचाने के लिए सिंचाई के वास्ते डीजल खरीदने के लिए सब्सिडी देने जैसे राहत उपायों पर विचार किया जा रहा है.भारतीय मौसम विभाग ने इस सप्ताह के प्रारंभ में अपने अनुमान में कहा था जून-सितंबर के दौरान 93 फीसदी बारिश होगी. पहले 95 फीसदी से कम का अनुमान व्यक्त किया गया था.