नयी दिल्ली: सरकार अगर एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट स्वीकार करती है तो पेट्रोल और डीजल के दाम 75-75 पैसे लीटर बढाये जाएंगे. समिति ने देश भर में 2020 तक कैंसर के लिये जिम्मेदार तत्व के उत्सर्जन को दूर कर ईंधन मानकों को उन्नत बनाने की सिफारिश की है.
‘वाहन ईंधन विजन और नीति 2025’ पर सैमित्र चौधरी समिति ने कहा है कि यूरो-5 मानक पेट्रोल और डीजल उत्पादित करने के लिए तेलशोधक कारखानों को उन्नत करना है. इसके लिये हमें 80,000 करोड रपये निवेश की जरुरत होगी. इस लागत को पेट्रोल और डीजल पर 75 पैसे शुल्क लगाकर निकाला जा सकता है.योजना आयोग के पूर्व सदस्य की अध्यक्षता वाली समिति ने सुझाव दिया है कि 2017 तक देश भर में ईंधन को यूरो-4 मानकों तथा 2020 तक यूरो-5 मानक पूरे करने चाहिए. बीएस (भारत स्टैंडर्ड) 6 उत्सर्जन नियम अप्रैल 2024 से अमल में आने की संभावना है.
फिलहाल, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद तथा लखनउ समेत 26 शहर यूरो-4 मानकों के वाले ईंधन का उपयोग कर रहे हैं जिसे बीएस-4 मानक वाला ईंधन भी कहा जाता है. वहीं अन्य भागों में बीएस-3 मानकों का ईंधन उपयोग हो रहा है.समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘भारत में बिकने वाले पेट्रोल और डीजल पर 75 पैसा विशेष ईंधन उन्नयन शुल्क लगाया जाना चाहिए और यह उपकरण तेल उद्योग विकास बोर्ड (ओआईडीबी) को मिलना चाहिए.’’ संचयी ओआईडीबी उपकर का उपयोग रिफाइनरीज के आधुनिकीकरण तथा उन्नयन के वित्त पोषण में किया जाना चाहिए ताकि वे यूरो-4 और यूरो-5 स्तर के ईंधन उत्पादित कर सके. बिक्री मात्रा में हल्की वृद्धि के आधार पर अनुसार सात साल ( 2014-15 से 2021-22 तक ) में 64,000 करोड रपये से अधिक संग्रह होने का अनुमान है.