मंडी : व्यास नदी में बह गए हैदराबाद के इंजीनिरिंग कॉलेज के एक और छात्र का शव आज बरामद कर लिया गया जबकि 18 लोग अभी भी लापता है जिन्हें तलाशने के लिए खोज अभियान चौथे दिन भी जारी है.
शव पत्थरों के बीच फंसा हुआ था और बचाव दल ने काफी मुश्किल से उसे निकाला. मंडी के पुलिस अधीक्षक आर एस नेगी ने कहा कि मृतक की पहचान उसके अभिभावकों ने टी उमेंद्र के तौर पर की है. इसके साथ ही 9 जून को हुए हादसे के बाद से अबतक सात शव निकाले जा चुके हैं. जबकि 18 लोग अभी भी लापता हैं जिनमें 17 छात्र और एक टूर संचालक शामिल है.
चार लड़कों और तीन लड़कियों के शव अबतक बरामद किए जा चुके हैं. लारजी परियोजना के अधिकारियों द्वारा नदी में अचानक से पानी छोड़ने से हैदराबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र नदी में बह गए थे, जिनमें से 14 लडके और तीन लड़कियां अभी भी लापता हैं.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की निगरानी में विभिन्न एजेंसियों के 550 से ज्यादा बचाव कार्यकर्ता खोज अभियान में लगे हुए हैं. पहाडों पर बर्फ पिघलने की वजह से व्यास नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी खुद हादसे की जगह बचाव अभियान पर नजर रखने पहुंचे हैं. उन्होंने भी आज एक शव मिले की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा कि खोज अभियान में पूरी सहायता की जाएगी. तेलंगाना के गृहमंत्री नयनी नरसिम्हा रेड्डी पिछले तीन दिन से लापता छात्रों के अभिभावकों और रिश्तेदारों के साथ मंडी में हैं. हैदराबाद के वीएनआर विग्नना ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिरिंग कॉलेज एण्ड टेक्नॉलोजी के करीब 60 छात्र और अन्य सकांय सदस्य मनाली घूमने आए थे. रविवार की शाम इसी समूह के करीब 25 सदस्य जिनमें अधिकतर छात्र थे, वे लारजी पनबिजली परियोजना द्वारा अचानक से पानी छोड़ने के कारण व्यास नदी में बह गए थे.