अहमदाबाद: अहमदाबाद की एक अदालत 12 जून से उस आवेदन पर दलीलों की सुनवाई करेगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में अपनी वैवाहिक स्थिति को छिपाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.
अहमदाबाद ग्रामीण अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम एम शेख ने आज आप सदस्य निशांत वर्मा का बयान दर्ज किया. उन्होंने मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और पुलिस जांच की मांग की है और दलीलों पर सुनवाई की तारीख 12 जून को निर्धारित की है. 21 मई को अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने यह कहते हुए एक रिपोर्ट सौंपी थी कि मोदी ने साल 2012 के अपने चुनावी हलफनामे में वैवाहिक स्थिति से संबंधित कॉलम को खाली छोडकर कोई संगीन अपराध नहीं किया है.
वर्मा ने इससे पहले यहां रानिप थाने से संपर्क किया था और मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी. उन्होंने मणिनगर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी पी के जडेजा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस ने इंकार कर दिया था इसलिए उन्होंने पुलिस को ऐसा करने का निर्देश देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
मोदी ने पहली बार अपनी वैवाहिक स्थिति और पत्नी :जसोदाबेन: के नाम का खुलासा इस साल वडोदरा लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दायर करने के दौरान अपने हलफनामे में किया था. इससे पहले जब उन्होंने गुजरात विधानसभा का चुनाव लडा था तो उन्होंने पत्नी से जुडे कॉलम को खाली छोड दिया था. वर्मा चाहते हैं कि गलत बयानी, शपथ लेकर झूठा साक्ष्य देने, उकसावा और धोखाधडी समेत अन्य आरोपों के लिए आईपीसी के तहत मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.