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15 से अधिक लोग सऊदी अरब में फंसे

झुंझुनू: अपने परिवार का पेट भरने की खातिर कर्ज लेकर सउदी अरब गये 15 से अधिक युवक ठेकेदार की लापरवाही के कारण वेतन नहीं मिलने से परेशानी मे फंसे हुए है. हालांकि परेशानी का सामना कर रहे इन युवकों को भारत की एक संस्था मदद कर रही है. प्रभावित परिवार के सदस्यों के अनुसार ठेकेदार […]

झुंझुनू: अपने परिवार का पेट भरने की खातिर कर्ज लेकर सउदी अरब गये 15 से अधिक युवक ठेकेदार की लापरवाही के कारण वेतन नहीं मिलने से परेशानी मे फंसे हुए है. हालांकि परेशानी का सामना कर रहे इन युवकों को भारत की एक संस्था मदद कर रही है.
प्रभावित परिवार के सदस्यों के अनुसार ठेकेदार द्वारा इन युवकों के लिए कामकाजी कार्ड बनवा कर नहीं देने के चलते इन युवकों को न तो काम मिल रहा है और कुछ समय तक काम किया भी था तो उसका वेतन नहीं दिया जा रहा है.
झुंझुनूं के उपखंड अधिकारी सुरेन्द्र माहेश्वरी ने इस संबंध में राज्य सरकार की ओर उठाये गये कदम के बारे में पूछने पर कहा,‘‘ मामले का आपसे ही पता चला है. परिजन जो बताएंगे उसके अनुसार सम्बन्धित आलाधिकारियों को अवगत करवा दिया जाएगा.’’
सऊदी अरब में फंसे युवकों के परिजनों ने बताया कि युवकों को कई महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा. वेतन मांगने पर मालिक जेल भेजने की धमकी दे रहे है. युवकों के परिजनों के अनुसार युवकों के पासपोर्ट कम्पनी या ठेकेदार के पास है, कम्पनी और ठेकेदार पासपोर्ट तभी देते है जब उन्हें कम्पनी से छुट्टी दी जाती है. परिजनों का कहना है कि ठेकेदार और कम्पनी द्वारा युवकों को पासपोर्ट नहीं देने की वजह से वे लोग भारत भी नहीं आ पा रहे है.
सऊदी अबर में फंसे लोंगों में नवलगढ के नवलडी गांव निवासी खेमचंद पुत्र हरलाल सिंह, लोसल छोटी सीकर निवासी हेमाराम, नवलगढ झुंझुनूं निवासी नितिन कुमार लाम्बा पुत्र मामचंद, तेतरवालों की ढाणी नवलगढ निवासी महेश कुमार पुत्र झाबरमल, शोकीनलाल पुत्र ईश्वरलाल, बलुपुरा समेत नागौर और सीकर के कुछ युवक भी शामिल है.
नवलडी नवलगढ निवासी शौकिनलाल की पत्नी प्रमेश्वरी ने बताया कि वे फरवरी 2013 में गए थे. तब से लेकर अब तक एक फूटी कौडी भी नहीं भेजी है. एक लाख रुपए का कर्ज लिया था. कर्ज लेकर सऊदी अरब गए थे.प्रमेश्वरी ने कहा जब भी फोन आता है तो कहते हैं कि उन्हें वेतन ही नहीं मिल रहा है. उनको स्वयं खाने के लाले पड रहे हैं. नवलडी के 23 वर्षीय खेमचंद ने अपने परिवार की गरीबी देखकर बीच में ही पढाई छोड दी और किसी तरह ब्याज पर रुपए लेकर सऊदी अरब कमाने चला गया। खेमचंद के पिता किसी तरह खेत में मेहनत मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे हैं. उन्होने कहा कि विदेश जाने के लिए लिया गया कर्ज भी चुकाना मुश्किल हो गया है. खेमचंद के दो बहन और एक भाई है.
परिजनों के अनुसार खेमचंद ने भी फोन पर खुद के परेशान और वेतन नहीं मिलने की जानकारी देते हुए कहा कि वतन वापसी के लिए ठेकेदार दो लाख रुपये की मांग कर रहा है. परिजनों के अनुसार सउदी अरब में भारतीय मूल की एक संस्था फंसे लोगों की मदद कर रही है. संस्था प्रभावित लोगों को खाना दे रही है और उन्हें स्वदेश पहुंचाने में मदद करने का आश्वासन दिया है.

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