नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज विधि आयोग की इस सिफारिश को लागू करने की एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग का जवाब मांगा कि चुनावों में राजनीतिक दलों के खर्चे की निगरानी और नियमन संबंधी प्रावधान अमल में लाया जाए.
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आरएस एंडला की पीठ ने विधि एवं न्याय मंत्रलय और चुनाव आयोग से अध्ययन करके यह देखने को कहा कि क्या विधि आयोग की 170वीं रिपोर्ट में की गई सिफारिश वाला प्रावधान लागू हो सकता है या नहीं और क्या उच्च न्यायालय चुनाव आयोग को ऐसा करने का निर्देश दे सकता है या नहीं. अदालत ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 20 अगस्त की तारीख तय की.
अदालत ने गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ :एडीआर: की याचिका पर यह आदेश दिया. इस संगठन का कहना है कि विधि आयोग की सिफारिशों के बावजूद, जनप्रतिनिधि कानून और चुनाव नियमावली में राजनीतिक दलों के चुनावी खर्चे पर निगरानी रखने के लिए अब तक कोई प्रावधान नहीं है.
संगठन ने आरोप लगाया कि इस तरह के प्रावधान को ‘‘जानबूझकर’’ लागू नहीं किया जा रहा है जबकि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि चुनाव आयोग के पास विधि आयोग की सिफारिशें लागू करने का अधिकार है. इस संगठन ने दावा किया कि मौजूदा कानून ‘‘वर्तमान वास्तविकताओं का सामना नहीं कर पाता है.’’