नयी दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज अपना पदभार संभालते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार प्रेस की आजादी में यकीन रखती है क्योंकि यह लोकतंत्र की जरुरत है.
उन्होंने साफ किया कि मीडिया में कोई ‘‘बाहरी’’ विनियमन नहीं होगा. मंत्री ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रेस की आजादी लोकतंत्र की जरुरत है. और लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए हमें प्रेस की आजादी चाहिए क्योंकि इससे अलग-अलग विचारों के बीच लोगों को अपनी पसंद चुनने का मौका मिलता है.’’ जावडेकर ने आपातकाल के दौरान मीडिया पर लगाई गई पाबंदियों का जिक्र किया और कहा कि वह उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने मीडिया पर लगी बंदिशों का विरोध किया था. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मीडिया में कोई बाहरी विनियमन नहीं हो सकता. एक बार 1975 में मीडिया की आजादी पर बंदिशें लगाई गई थीं पर हमने इसके खिलाफ लडाई लडी. लोग इसके खिलाफ लडे और मैं खुद इस मोर्चे पर काफी सक्रिय था. मैं पत्रकारों के परिवार से संबंध रखता हूं.
इसलिए हमने लडाई लडी और 16 महीने तक जेल में रहे.’’ जावडेकर ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति की अपनी जगह है. उन्होंने कहा कि सरकार रचनात्मक आलोचना का स्वागत करेगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते रहे हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की जरुरत होती है पर देश चलाने के लिए हर किसी के सहयोग की आवश्यकता होती है.मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए जावडेकर ने कहा कि यह एक संयुक्त मिशन है कि भारत अपनी संभावनाओं के अनुरुप 2025 तक समृद्ध हो और 2030 तक उससे भी तेज गति से प्रगति करे. जावडेकर से जब पिछली सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे मनीष तिवारी के उस बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने इस मंत्रालय को गुजरा हुआ जमाना करार दिया था, तो भाजपा नेता ने कहा कि किसी संस्था को तुरंत खत्म किया जा सकता है पर उसमें कार्य संस्कृति विकसित करने में वक्त लगता है.
उन्होंने कहा कि वह मंत्रलय से जुडे मुद्दों को विस्तार से पढेंगे और फिर प्रधानमंत्री को प्रस्तुतिकरण देंगे जिसके बाद भविष्य के कदम का खाका तैयार किया जाएगा. जब मंत्री से यह पूछा गया कि क्या दूरदर्शन पर साक्षात्कारों को संपादित किया जाएगा, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘कभी नहीं’’. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान मोदी ने दूरदर्शन को एक साक्षात्कार दिया था जिसे संपादित करने पर विवाद पैदा हो गया था.प्रसार भारती के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में जावडेकर ने कहा कि वह गहराई से मामलों को देखेंगे. यह पूछे जाने पर कि 2025 और 2030 के बारे में बात करके क्या वह ‘‘समयसीमा बढाने’’ की कोशिश कर रहे हैं या ज्यादा वक्त मांग रहे हैं, इस पर मंत्री ने कहा, ‘‘हम समयसीमा नहीं बढा रहे बल्कि विकास के कुछ मानदंडों की बात कर रहे हैं.’’ एक अन्य सवाल के जवाब में जावडेकर ने कहा कि क्रॉस मीडिया स्वामित्व एक बडा मुद्दा है और इस पर पहले से ही चर्चा चल रही है.