बेलूर (पश्चिम बंगाल) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके शुरुआती जीवन में आध्यात्मिक शिक्षा देने वाले रामकृष्ण मठ और मिशन ऑडर्र के प्रमुख स्वामी आत्मास्थानंद महाराज ने मोदी को बेलूरमठ में आने के लिए आमंत्रित किया है.
मोदी इस मठ में पहली बार युवा लड़के के तौर पर आये थे. मोदी को लिखे एक पत्र में महाराज ने कहा, मैं, भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर बेलूरमठ में आपके दौरे की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं. पत्र में उन्हें मोदी भाई के तौर पर संबोधित करते हुए महाराज ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपने जबरदस्त विजय प्राप्त की है.
श्री रामकृष्ण ने आपको भारत के लोगों की जाति और धर्म से ऊपर उठकर सेवा करने का मौका दिया है. मोदी को उनकी नयी भूमिका के लिए आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा, मैं श्री रामकृष्ण से प्रार्थना करता हूं कि संकट के समय में आपको सही को समझने की समझ दें.साधुओं ने वो दिन याद किए जब मोदी पहली बार बेलूरमठ में एक युवा लड़के के तौर पर आये थे. यह मठ रामकृष्ण ऑर्डर का हिस्सा है और इसे 1897 में स्वामी विवेकानंद ने स्थापित किया था.
मठ के सहायक सचिव सुबीरानंद महाराज ने कहा, हमारे तब के प्रमुख ने उन्हें पढाई पर ज्यादा ध्यान देने की सलाह दी थी. वह ऑर्डर में शामिल होने की न्यूनतम आयु से भी कम के थे. उन्होंने कहा कि बाद में मोदी मठ के अल्मोडा केंद्र में गये, जहां उनकी प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया गया.
साधु ने कहा, मोदी तब दो साल के लिए हिमालय चले गए थे और उसके बाद वह अपने गांव वापस आ गए और फिर हमारे राजकोट केंद्र में आने लगे जहां वह स्वामी आत्मस्थानंद के संपर्क में आए जो अब आरकेएम के प्रमुख हैं. मोदी अक्सर उनसे आध्यात्मिक निर्देश लेते थे.
मोदी द्वारा एक बार फिर साधु बनने की इच्छा जाहिर करने के बाद उन्हें स्वामी द्वारा हतोत्साहित किया गया था और उनसे कहा कि उनकी कहीं और जरूरत है. साधुओं ने कहा, मोदी ने जब पिछले साल बेलूरमठ का दौरा किया था तो उन्होंने स्वामी से कहा था कि आपने मुझे उस समय भगा दिया था इसलिए मैं आज मुख्यमंत्री हूं.
सुबीरानंद महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने यह भविष्यवाणी की थी कि बेलूरमठ से नई आध्यात्मिक शक्ति उत्पन्न होगी और यह देश को नई बुलंदियों पर ले जाएगी. उन्होंने कहा, मोदी उनके विचारों और शिक्षाओं से प्रेरित हैं. यह सिर्फ एक शुरुआत है.