नयी दिल्ली : एमडीएमके के प्रमुख वाइको ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने आए श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के दौरे के खिलाफ आज राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन किया और उन्हें निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के कारण हिरासत में ले लिया गया.
राजग सहयोगी एमडीएमएके प्रमुख ने जंतर मंतर पर अपने समर्थकों से कहा कि राजपक्षे की मौजूदगी मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की पवित्रता नष्ट कर देगी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजपक्षे ने श्रीलंका में तमिलों का नरसंहार किया है. हालांकि वाइको ने कहा कि वह राजग सरकार के खिलाफ नहीं हैं और उन्होंने आज प्रधानमंत्री के रुप में शपथ लेने वाले मोदी को बधाई दी.
इसके बाद वाइको को निषेधाज्ञा के उल्लंघन के कारण हिरासत में ले लिया गया. एमडीएमके प्रमुख ने श्रीलंका के राष्ट्रपति को आमंत्रित किये जाने का विरोध किया था और भावी प्रधानमंत्री के साथ ही भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था. वाइको ने मोदी को एक पत्र लिखकर आयोजन के लिए राजपक्षे को आमंत्रित किये जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
वाइको ने याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के दौरान किसी श्रीलंकाई राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया था. उन्होंने कहा कि निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं भेजा था.
उन्होंने कहा, उन्होंने 2004 और 2009 में शपथ ग्रहण समारोह के लिए महिंदा राजपक्षे को आमंत्रित करने की हिम्मत नहीं की. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता और द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने भी राजपक्षे को आमंत्रित किए जाने का विरोध किया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति समारोह में हिस्सा लेने के लिए आज सुबह पहुंचे.