जयपुर:हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया… यह गाना बीते दिनों की बात है. जी हां सिगरेट और गुटखे से लोगों को दूर करने के लिए सरकार कई संदेश जारी करती है, प्रतिबंध लगाती है और प्रचार माध्यमों के जरिये चेतावनी भी देती है लेकिन इनका बहुत ज्यादा असर नजर नहीं आता. शायद इसीलिए राजस्थान सरकार नशे के खिलाफ कुछ ऐसा कर रही है जिसका सीधा असर दिखाई दे सकता और देश के लिए यह एक नजीर भी बन सकता है.
लेकिन अगर आप राजस्थान में सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया, इस गाने को भूल जायें और धुएं को फिक्र में न उड़ाएं बल्कि धुआं उड़ाते हैं तो फिक्र करना शुरू कर दें क्योंकि सिगरेट पीने वाले और तंबाकू खाने वालों को नौकरी नहीं मिलेगी.सूबे के ऊर्जा विभाग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिये हैं कि वो नौकरी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से लिखित में लें कि वो सिगरेट-तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करते हैं. गौरतलब है कि राज्य की एक तिहाई आबादी किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करती है. एक सर्वे के मुताबिक इनमें से 41 फीसदी इसे छोड़ना चाहते हैं. इसीलिए सरकार ने यह पहल की है सरकार कि कोशिश है कि ऐसा करके नशे के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया जाये. ऊर्जा ही नहीं अब चिकित्सा विभाग भी नौकरी देने से पहले ऐसी ही अंडरटेकिंग लेगा.
हालांकि सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए सिगरेट और तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करने की अंडरटेकिंग लेने का फैसला पिछली कांग्रेस सरकार ने लिया था लेकिन तब सरकार इसे अमल में नहीं ला सकी थी. ऐसे में सवाल ये भी हैं कि क्या नयी सरकार इस आदेश को लागू कर देश के सामने एक नजीर पेश कर पाएगी.