पणजी: राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोकसभा चुनाव के दौरान फेसबुक पर कथित रुप से निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए गोवा के एक युवक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का आज विरोध किया.
गोवा पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने आरोपी लावू चोडणकर से पूछताछ के लिए यहां अदालत से उसकी हिरासत की मांग की और दावा किया कि फेसबुक पर की गयी उसकी टिप्पणी राज्य में ‘सांप्रदायिक एवं सामाजिक वैमनस्य को बढावा देने’ की एक बडी साजिश का हिस्सा थी. जिला एवं सत्र न्यायालय ने कल चोडणकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. चोडणकर इस समय शहर से बाहर है.
भाजपा के नेतृत्व वाली गोवा सरकार की निवेश एवं औद्योगिक नीति समिति के अध्यक्ष उद्योगपति अतुल पाई काने ने चोडानकर के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी.पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (ए), 295 (ए) और जनप्रतिनिधित्व अधिनिमय की धारा 125 एवं सूचना प्राद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
साइबर अपराध विशेषज्ञ डॉ समीर केलेकर और कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने यहां पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले उन्हें प्रवेश द्वार पर रोक दिया गया और पुलिस महानिदेशक टी मोहन से मिलने की मंजूरी नहीं दी गयी.
गोवा कांग्रेस के अध्यक्ष जॉन फर्नांडिस, कांग्रेस विधायक एलिक्सो रेजीनाल्डो लोरेन्सो, निर्दलीय विधायक विजय सरदेसाई और आप समन्वयक वाल्मीकि नायर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
केलेकर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चोडणकर को ‘तंग’ करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की जबकि सरदेसाई ने कहा, ‘‘मोदी को उदार होने की जरुरत है और उन्हें इस तरह की छोटी चीजों में नहीं शामिल होना चाहिए.’’ हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने मामले की जांच में किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार किया है.