नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कहना है कि भाजपा और केंद्रीय मंत्रियों के साथ चल रहा मुलाकातों का सिलसिला कोई समन्वय बैठक नहीं बल्कि विचारों के आदान – प्रदान की कवायद है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने एक बयान में कहा , ‘ यह समन्वय बैठकें नहीं हैं , ना ही यह निर्णय लेने संबंधी बैठक है. ‘ नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और छह कैबिनेट मंत्रियों ने कल आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ भेंट कर सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों पर चर्चा की थी. इस बैठक में सरकार की शिक्षा नीति पर भी चर्चा हुई थी.
कुमार का कहना है कि समान क्षेत्र में काम करने वाले आरएसएस के विभिन्न संगठन अपने प्रयोग , अनुभवों और अवलोकनों को साझा करने के लिए मिलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि विस्तृत चर्चा के लिए इन संगठनों को समान क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न समूहों में बांटा गया है. कई समूह हैं , जैसे …. सेवा , वैचारिक , आर्थिक , शिक्षा , सामाजिक आदि. उन्होंने कहा कि इस तरह की सामूहिक बैठकें 2007 से प्रति वर्ष हो रही हैं. इस वर्ष आरएसएस के संगठन 28-31 मई तक दिल्ली में ऐसी बैठकें कर रहे हैं.
संघ और उससे जुड़े़ संगठनों , भाजपा और सरकार की इस बैठक की अध्यक्षता आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने की. भाजपा की ओर से अमित शाह , पार्टी उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे , महासचिव राम माधव और संगठन सचिव राम लाल ने हिस्सा लिया. सरकार की ओर से छह कैबिनेट मंत्रियों …. राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ , जयप्रकाश नड्डा , मेनका गांधी , महेश शर्मा , प्रकाश जावडेकर और थावरचंद गहलोत ने हिस्सा लिया.