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Profile : वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बननेवाली पहली महिला इंदु मल्होत्रा को जानें

नयी दिल्ली : इंदु मल्होत्रा सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला वकील बन गयीं हैं. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को सभी जजों की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. मालूम हो कि 62 वर्षीय इंदु मल्होत्रा का नाम उन दो लोगों में शामिल था […]

नयी दिल्ली : इंदु मल्होत्रा सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला वकील बन गयीं हैं. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को सभी जजों की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी.

मालूम हो कि 62 वर्षीय इंदु मल्होत्रा का नाम उन दो लोगों में शामिल था जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी. सरकार ने मल्होत्रा के नाम पर मंजूरी दी, जबकि दूसरे नाम, उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को फिर से विचार के लिए कॉलेजियम के पास भेज दिया गया.

पिछले तीन दशकों से वकालत कर रहीं इंदु मल्होत्रा मध्यस्थता कानून में विशेषज्ञ मानी जाती हैं. दिसंबर 2016 में भारत सरकार ने भारत में मध्यस्थता तंत्र के संस्थानीकरण की समीक्षा करने के लिए उन्हें कानून और न्याय मंत्रालय में उच्च स्तरीय समिति का सदस्य बनाया था.

इंदु मल्होत्रा के प्रोफाइल पर आइए नजर डालें एक नजर-

  • इंदु मल्होत्रा का जन्म 14 मार्च, 1956 को बेंगलुरु में हुआ था. उनके पिता सुप्रीम कोर्ट में वकील थे.
  • उन्होंने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल से हुई.
  • इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली.
  • फिर उन्होंने फैकल्टी ऑफ लॉ पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया.
  • इसके बाद उन्होंने डीयू के मिरांडा हाउस और विवेकानंद कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस पढ़ाया.
  • 1979 से 1982 के दौरान उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. वकालत जगत में उनका प्रवेश 1983 में हुआ.
  • 1988 में वे सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड चुनी गयीं.
  • सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में उन्हें वरिष्ठ वकील नियुक्त किया. जस्टिस लीला सेठ के बाद मल्होत्रा दूसरी महिला थीं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील नियुक्त किया.
  • इंदु मल्होत्रा ने सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी), दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) जैसे कई वैधानिक संस्थाओं का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रतिनिधित्व किया है.
  • वह मध्यस्थता की जानी-मानी विशेषज्ञ हैं और विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मामलों में मध्यस्थता की है. उन्होंने ‘द लॉ एंड प्रैक्टिस ऑफ आर्बिट्रेशन इन इंडिया’ किताब का सह-लेखन किया है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में शुरुआत के 39 वर्षों में कोई महिला जज नहीं रही. 1989 में फातिमा बीबी को सुप्रीम कोर्ट की जज बनाया गया. इसके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना देसाई को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया.

बताते चलें कि इंदु मल्होत्रा आजादी के बाद से अब तक सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली छठी महिला होंगी. फिलहाल जस्टिस जी रोहिणी और आर भानुमति सुप्रीम कोर्ट में महिला जज हैं.

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