नयी दिल्ली : पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को नया सेना प्रमुख नियुक्त करने के निर्णय पर आगे बढने को लेकर आज सवाल उठाए और कहा कि इससे अनावश्यक विवाद उत्पन्न होगा.
भाजपा के सदस्य और गाजियाबाद से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार सिंह ने पूछा कि संप्रग द्वितीय सरकार सुहाग को नया सेना प्रमुख बनाने की जल्दबाजी में क्यों है.उन्होंने कहा, इससे व्यक्ति विशेष को नुकसान होगा क्योंकि लोग संप्रग की मंशा पर सवाल खडे करेंगे.ह्णह्ण रक्षा मंत्रालय ने एक दिन पहले ही सुहाग के नाम की नये सेना प्रमुख के रुप में अनुशंसा की.
जनरल सिंह ने पूछा, वे क्या और किसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं ? रक्षा मंत्रालय और संप्रग द्वितीय किससे भयभीत हैं ? दो वर्ष पहले सुहाग जब तीसरी कोर के कमांडर थे तो सेना प्रमुख के रुप में सिंह ने उन पर अनुशासनिक एवं सतर्कता प्रतिबंध लगाये थे.
जनरल बिक्रम सिंह के 31 मई 2012 को सेना प्रमुख बनते ही प्रतिबंध हटा लिये गये थे. प्रतिबंध के तहत पदोन्नति नहीं हो सकती थी.जनरल वीके सिंह ने कहा, रक्षा मंत्रालय कैबिनेट की नियुक्ति समिति और प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष फाइल रखने को प्रतिबद्ध दिखता है जबकि जोरहाट डकैती मामले को देखते हुए सतर्कता मंजूरी नहीं दी जा सकती जो सेना के नाम पर एक धब्बा है. उन्होंने कहा, दो वर्ष पहले जनरल बिक्रम सिंह के सेना प्रमुख बनते ही वे इस मामले से छूट गए इसलिए उनका मानना है कि वे ऐसा ही काम फिर कर सकते हैं.