मुंबई : महाराष्ट्र में 84 वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा में कुल मिलाकर 812 पुलिस अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है जिनमें अकेले 52 सुरक्षाकर्मी केवल केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और उनकी विधायक बेटी की सुरक्षा में तैनात हैं.
एक आरटीआइ के जवाब में यह खुलासा हुआ है. पुणे निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता विहार धुर्वे द्वारा दाखिल एक आरटीआइ आवेदन में पूछा गया था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक और गैर राजनीतिक वीआइपी लोगों की सुरक्षा में कुल कितने पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
शिंदे और उनकी बेटी प्रणीति को जेडप्लस सुरक्षा मुहैया करायी गयी है और कुल 52 सुरक्षाकर्मी उन दोनों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री की पत्नी उज्ज्वला शिंदे को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है और उनकी सुरक्षा में कुल 14 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. हालांकि प्रणीति ने कहा कि उनके परिवार को मुहैया करायी गयी सुरक्षा गैरजरुरी है और वे अपनी सुरक्षा को हटवाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, हमें प्रोटोकाल के अनुसार सुरक्षा उपलब्ध करायी जाती है, लेकिन हमने किसी प्रकार की सुरक्षा के लिए कहा नहीं था. हम तो बल्कि हमें मुहैया करायी गयी सुरक्षा का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं. मैंने राज्य के गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर हमारी सुरक्षा हटाने को कहा है.
हम चाहते हैं कि इसे बेहतर मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाए. जिन 12 वीआइपी को जेडप्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी गयी है उनमें महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, उप मुख्यमंत्री अजित पवार, गृह मंत्री आर आर पाटिल और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार शामिल हैं.
चव्हाण की सुरक्षा में कुल 46 सुरक्षाकर्मी, अजित पवार की सुरक्षा में 31 सुरक्षाकर्मी और लोक निर्माण विभाग मंत्री छगन भुजबल की सुरक्षा मे 25 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे तथा मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया उन 18 लोगों में शामिल हैं जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है और 15 से 22 सुरक्षाकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
राज्य में जिन कुल 19 वीआइपी को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है उनमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी, मौजूदा सांसद मिलिंद देवडा और पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवडा शामिल हैं. न्यायाधीश मृदुला भाटकर को भी वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है जबकि टाटा संस के सेवानिवृत्त अध्यक्ष रतन टाटा उन 27 वीआइपी में शामिल हैं जिन्हें एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है.
दोनों ने हालांकि किसी प्रकार की पुलिस सुरक्षा स्वीकार करने से इंकार कर दिया है. सुरक्षा तथा संरक्षा शाखा की अतिरिक्त आयुक्त किरण शेलर ने बताया कि वीआईपी को सुरक्षा, संबंधित समिति के निर्देशों पर मुहैया करायी जाती है ,जो वीआईपी के प्रति उत्पन्न खतरे की समीक्षा करती है.
आरटीआइ कार्यकर्ता विहार धुर्वे ने मांग की है कि वीआईपी की सुरक्षा को कम करके संबंधित पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को महिलाओं की सुरक्षा में लगाया जाए. धुर्वे ने कहा, जनता का पैसा वीआइपी की सुरक्षा पर अनावश्यक रुप से खर्च नहीं किया जाना चाहिए.