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चीज जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में विपक्ष, कांग्रेस का भी समर्थन

नयी दिल्ली : कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सहित विपक्ष की कई पार्टियों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है. राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाया जायेगा. उनपर मनमानी का आरोप लगाया गया है. महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी जिसे […]


नयी दिल्ली :
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सहित विपक्ष की कई पार्टियों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है. राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाया जायेगा. उनपर मनमानी का आरोप लगाया गया है. महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी जिसे विपक्ष आसानी से जुटा लेगा. कल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी( राकंपा) के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने भारत के प्रधान न्यायाधीश( सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई के लिए प्रकिया शुरू कर दी है और इसके लिए वह विभिन्न विपक्षी पार्टियों के सासंदों के हस्ताक्षर ले रही है.

हालांकि कांग्रेस ने इस कदम की कोई पुष्टि नहीं की और उसके वरिष्ठ नेताओं ने इस संबंध में प्रश्नों को टाल दिया. राकंपा नेता माजिद मेमन नेघटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा, ‘ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने देश के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है.’ यह पूछे जाने पर कि अब तक कितने सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर किये हैं, उन्होंने कहा कि वह हस्ताक्षरकर्ता भर हैं और यह प्रश्न कांग्रेस से किया जाना चाहिए.’ राकंपा के अन्य सांसद डीपी त्रिपाठी ने कहा, ‘ मैंने हस्ताक्षर किए हैं, दूसरे भी हस्ताक्षर कर रहे हैं और यह सिलसिला चल रहा है.’

उन्होंने कहा कि यह केवल भ्रष्टाचार नहीं है, आरोप‘ बेहद गंभीर हैं’ और उस पत्र से यह प्रकट होता है जो सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने पहले ही लिखा है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरा है. त्रिपाठी ने इस बात की पुष्टि की कि हस्ताक्षर करने वालों में राकंपा, माकपा, भाकपा के सदस्य तथा अन्य लोग हैं. उन्होंने इशारा किया कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इस पर हस्ताक्षर किये हैं.

नियम के मुताबिक सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए लोकसभा में 100 सांसदों के तथा राज्यसभा में 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है. सूत्रों ने बताया कि विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नता गुलाम नबी आजाद से आज मुलाकात करके मुद्दे पर चर्चा की. हालांकि आजाद के कार्यालय से इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि ऐसी कोई बैठक वहां हुई थी.

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