नयी दिल्ली : छात्रों के प्रदर्शन और राजनीतिक तूल के साथ कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के पेपर लीक मामला देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. मामले में जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है. शीर्ष अदालत की ओर से इस मामले पर अब 12 मार्च को सुनवाई होगी.
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इसके साथ ही, मीडिया की खबरों में कहा यह भी जा रहा है कि एसएससी के पेपर लीक मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. छात्रों द्वारा लगातार आंदोलन के बाद एसएससी चेयरमैन असीम खुराना ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया है.
इससे पहले रविवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में आंदोलनरत छात्रों का प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और एसएससी चेयरमैन असीम खुराना से मुलाकात की थी. इसके बाद एसएससी चेयरमैन ने आंदोलनकारी छात्रों की मांग का समर्थन किया था.
मुलाकात को लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर छात्रों का पक्ष रखा था. इसके बाद उन्होंने एसएससी के चेयरमैन असीम खुराना से मुलाकात की और छात्रों का पक्ष रखा था. उन्होंने बताया कि असीम खुराना ने पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच का नैतिक समर्थन किया है.
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि एसएससी चेयरमैन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनका प्रशासन किसी भी प्रकार की अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ है और हम परीक्षार्थियों की मागों के प्रति संवेदनशील हैं. इसलिए वह पेपर लीक की शिकायत को लेकर संबधित मंत्रालय को पत्र लिखकर सीबीआई अथवा अन्य उचित जांच का समर्थन करेंगे.
गौरतलब है कि बीते 27 फरवरी से कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में हुई धांधली को लेकर छात्र एसएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. एसएससी की ओर से आयोजित सीजीएल 2017 के टीयर टू की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो गये थे. इसके बाद से परीक्षार्थी सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. एसएससी परीक्षा को रद्द करने और इसकी सीबीआई जांच कराने को लेकर अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री को चिट्ठी लिखी है.