नयी दिल्ली : क्या भाजपा साल 2014 जैसा करिश्मा 2019 में दोहरा पाएगी ? क्या 2019 में फिर से मोदी जनता का दिल जीतकर सत्ता पर काबिज होंगे ? यह सवाल सबके जेहन में हैं , लेकिन इकनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनस समिट में वित्त मंत्री अरुण जेटली से जब ये सवाल पूछे गये तो उन्होंने काफी चतुराई से इसका जवाब दिया. समिट में अपनी राय रखते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठकर ऐनालिस्ट जो आकलन करते हैं उसका हकीकत से किसी भी प्रकार कोई संबंध नहीं है.
समिट में वित्त मंत्री अरुण जेटली से पूछा गया था कि पिछले चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला. यूपी, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भाजपा को अधिकतम सीटें प्राप्त हुई. खासकर यदि उत्तरी और पश्चिमी राज्यों की बात करें तो यहां भाजपा को काफी सीटें मिलीं. ऐसे में क्या 2019 में वह प्रदर्शन दोहराना संभव होगा? सवान सुनकर जेटली ने कहा कि ‘दिल्ली में बैठकर जो आकलन किया जा रहा उससे देश का कोई संबंध नहीं है. 2014 में पहले लोग हमें 150 सीट दे रहे थे, फिर थोड़े हालात बदले तो 180 सीट दिया. मतदान के बाद भी लोग हमें 220 से अधिक सीट नहीं देते नजर आ रहे थे.
आगे वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे देश के लोग दिल्ली में एनैलेसिस करने वालों से ज्यादा बुद्धिमान हैं. इसके अलावा जब वित्त मंत्री से एक साथ चुनाव कराने के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह देशहित में है. अलग-अलग चुनावों में खर्च काफी होता है. एक साथ चुनाव हुए तो नीति निर्माण बेहतर ढंग से होगा और खर्च भी कम उठाना होगा.
इसके अलावा पीएनबी बैंकिंग महाघोटाले पर वित्त मंत्री ने कहा कि बड़े स्तर के फ्रॉड को लेकर अलर्ट नहीं होना चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि ऐसे फ्रॉड को रोकने के लिए रेग्युलेटर्स को सेक्टर पर पैनी नजर रखने की जरूरत है. जेटली ने कहा कि भारत में केवल नेताओं को जवाबदेह माना जा रहा है, रेग्युलेटर्स को नहीं. समिट में वित्त मंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदमों की भी जमकर तारीफ की.