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कोयला घोटाला : झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा समेत 4 लोग भ्रष्टाचार के दोषी करार, कल सुनायी जायेगी सजा

नयी दिल्ली/रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत 4 लोगों को कोयला घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार तथा अन्य आरोपों का दोषी करार दिया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्टमेंबुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के […]

नयी दिल्ली/रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत 4 लोगों को कोयला घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार तथा अन्य आरोपों का दोषी करार दिया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्टमेंबुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिवअशोककुमार बसु और एक अन्य सरकारी अधिकारी को भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया. इन्हें गुरुवार को सजा सुनायी जायेगी. सजा के बिंदु पर दोपहर 2:15 बजे बहस शुरू होगी. इसके बाद भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी करार लोगों की सजा का एलान होगा.

सीबीआई के विशेष जज भरत पराशर ने झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा, उनके करीबी विजय जोशी, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु को वर्ष 2007 में झारखंड स्थित राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक को कोलकाता के विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को आवंटित करने के लिए आपराधिक साजिश का दोषी पाया. आरोपियों को अापराधिक षड्यंत्र समेत अलग-अलग अपराधों में दोषी ठहरायागया.

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VISUL के निदेशक वैभव तुलस्यान तथा दो लोक सेवकों बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान को अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया. अदालत ने आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) के साथ धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों का संज्ञान लिया था. इसके बाद इन सभी लोगों को बतौर आरोपी समन भेजा गया.

मुकदमे की सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कहा था कि कंपनी ने 8 जनवरी, 2007 को राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया. कोर्ट में लंबे अरसे तक चली सुनवाई में सीबीआई ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोल ब्लॉक आवंटन करने की अनुमति नहीं दी थी. स्क्रीनिंग कमेटी ने आरोपित कंपनी को कोयला खदान आवंटित करने की सिफारिश की थी.

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प्रधानमंत्रीमनमोहन सिंह को गुप्ता ने किया गुमराह : सीबीआई ने यह भी कहा कि कमेटी के अध्यक्ष एचसी गुप्ता ने कोयला मंत्रालय का प्रभार भी देख रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कथित तौर पर इन तथ्यों को छुपाया कि झारखंड सरकार ने VISUL को कोयला खदान आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी.

लगायी गयी हैं ये धाराएं : पटियाला हाउस कोर्ट ने धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) 409 (सरकारी कर्मचारियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था और इसके बाद उन्हें आरोपी के तौर नोटिस भेजा गया था.

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