अमृतसर: पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा ‘गुरबाणी’ को विकृत करने संबंधी दिये गये बयान को लेकर शनिवार को बवाल शुरु हो गया. अमुतसर, जालंधर पटियाला आदि जगहों में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए और बिक्रम सिंह मजीठिया के पुतले जलाये गये.
इसके पहले शनिवार को ही बिक्रम सिंह मजीठिया ने ‘गुरबाणी’ को विकृत करने को लेकर जत्थेदार अकाल तख्त को अपना माफीनामा सौंपा, जो सिखों के शीर्षस्थ धार्मिक पद के प्रमुख हैं. इसके बावजूद लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
जत्थेदार अकाल तख्त ज्ञानी गुरबचन सिंह ने बताया, ‘‘आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सिखों के पांच मुख्य ग्रंथियों की बैठक में चर्चा होगी और तलब किए जाने पर मजीठिया को उनके समक्ष पेश होना होगा.’’ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने ईशनिंदा को लेकर कल सिख धार्मिक आचरण संहिता के तहत मजीठिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी.
गौरतलब है कि मजीठिया ने गुरबाणी में कथित तौर पर एक शब्द बदल कर पढा था ताकि यह अमृतसर से भाजपा उम्मीदवार अरुण जेटली की जीत के लिए उनकी दुआ में उपयुक्त बैठ सके. वहीं, अमृतसर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अमरिंदर सिंह ने मजीठिया के इस कार्य को लेकर उनके प्रचार करने पर चुनाव आयोग से आज प्रतिबंध लगाने की मांग की.