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आतंकी हाफिज सईद की रिहाई पर राहुल का पीएम मोदी पर तंज, अमेरिकी विशेषज्ञ ने चेताया

नयी दिल्ली : मुंबई हमलों का मास्टमाइंड हाफिज सईद की रिहाई की पूरी दुनिया में जहां आलोचना हो रही है, वहीं भारत में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुटकी ली है. राहुल गांधी ने आज सुबह ट्वीट किया – नरेंद्र भाई बात नहीं बनी. आतंक का मास्टमाइंड मुक्त […]

नयी दिल्ली : मुंबई हमलों का मास्टमाइंड हाफिज सईद की रिहाई की पूरी दुनिया में जहां आलोचना हो रही है, वहीं भारत में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुटकी ली है. राहुल गांधी ने आज सुबह ट्वीट किया – नरेंद्र भाई बात नहीं बनी. आतंक का मास्टमाइंड मुक्त हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान सेना को लश्कर फंडिंग मामले में क्लीन चीट दे दी है. ट्रंप को गले लगाने की नीति काम नहीं आयी और अधिक गले लगाने की जरूरत है. वहीं, अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद को गिरफ्तार कर उस पर मुकदमा चलाया जाये.

अमेरिका क्यों चाहता है सईद की गिरफ्तारी?

अमेरिका आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित रहा है.वहनौग्यारहजैसे खतरनाकआतंकी हमलेझेलचुकाहै. लश्कर ए तयब्बा द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर आतंकी हमले किये गये थे, इसके पीछे हाफिज सईद की ही मुख्य भूमिका थी. मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें छह अमेरिकी नागरिक थे. अमेरिका दुनिया के किसी भी कोने में अपने नागिरकों की हत्या को सामान्य ढंग से नहीं लेता है. वह इसके खिलाफ कार्रवाई किये जाने या बदला लेने की नीति पर ही चलता है. हालांकि मुबई हमले के पहले ही अमेरिका के वित्त विभाग ने हाफिज सईद को आतंकियों की वैश्विक सूची में शामिल कर दिया था और उस पर एक करोड़ का ईनाम भी घोषित कर रखा है.

अमेरिका के पूर्व अधिकारी ने कहा, खून से सने हैं हाफिज के हाथ

वाशिंगटन: अमेरिका के खुफिया विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने आज कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के हाथ खून से सने हुए हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है. सीआइए के पूर्व उप निदेशक माइकल मोरेल ने ट्वीट किया, सईद आतंकवादी है. लश्करे तैयबा के साथ काम कर चुका है, एक कश्मीरी आतंकवादी संगठन और हमलों में अलकायदा की सहायता कर चुका है. सईद के नजरबंदी से रिहा होने के बाद सीआइए के पूर्व अधिकारी ने कहा, उसके हाथ खून से सने हैं और वह पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में कट्टरपंथी तत्वों को लाना चाहता है. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी की ओर से आंतकवादी घोषित सईद जनवरी से नजरबंदी में था लेकिन लाहौर उच्च न्यायालय के रिहा किए जाने के आदेश मिलने के बाद सईद को रिहा कर दिया गया है. इस घटनाक्रम से चिंतित अमेरिका ने पाकिस्तान से सईद को दोबारा गिरफ्तार करने और उसके अपराधों के लिए उसके खिलाफ आरोप तय करने की मांग की है.

अमेरिका ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जमात उद दावा का नेता सलाखों के पीछे हो. वहीं आंतकवादी संगठनों पर जाने माने विशेषज्ञ क्रिस्टीन फेयर ने ट्वीट किया, नहीं…जेयूडी इस्लामिक स्टेट सेजुड़ा नहीं हैं. क्या धोखेबाजी है…यकीनन. हाफिज सईद की रिहाई के साथ ही पाकिस्तान में जिहादियों का मुख्यधारा में राजनीतिकरण पूरा हुआ. एनबीसी न्यूज का कहना है कि सईद की रिहाई से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध दोबाराबिगड़ सकते हैं. वहीं वाशिंगटन एक्जामिनर ने अपने ओपैड में कहा कि ट्रंप प्रशासन को सईद को पकड़ने अथवा मारने के लिए भारत के साथ मिल कर काम करना चाहिए.

इसमें कहा गया, ट्रंप को भारत के प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी से बात करके उन्हें सईद को मारने अथवा पकड़ने के लिए मिल कर काम करने का प्रस्ताव पेश करना चाहिए. संपादकीय के अनुसार सईद की मंशा अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में नए मुस्लिम धार्मिक राजनीतिक प्रकोष्ठ की अगुआई करने की है.

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