भुवनेश्वर : केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने चिट फंड घोटाले में ओड़िशा के सत्ताधारी दल बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ विधायक प्रवत रंजन बिस्वाल को गिरफ्तार किया है. विधायक की गिरफ्तारी को लेकर बीजेडी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. सीबीआइ सूत्रों ने कहा, करोड़ों रुपये के सीशोर समूह चिट फंड घोटाले मामले में सोमवार की रात एजेंसी ने बिस्वाल को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया और उसके बाद उनकी गिरफ्तार हुई. बिस्वाल के भाई अर्ता रंजन बिस्वाल और वकील अनूप सेनापति ने कहा कि विधायक को गिरफ्तार करके सीबीआइ के राज्य मुख्यालय में रखा गया है.
सूत्रों ने कहा, तीन बार के विधायक बिस्वाल को हिरासत में लेने और स्वास्थ्य जांच के बाद अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें पांच दिन की सीबीआइ हिरासत में भेजा दिया है. 23 सितंबर को उन्हें फिर से अदालत के समक्ष पेश किया जायेगा. सीबीआइ सूत्रों ने कहा, सीशोर कंपनी के चेयरमैन-सह-प्रबंध निदेशक प्रशांता कुमार दास द्वारा कथित तौर पर बिस्वाल को 25 लाख रुपये प्रोटेक्शन मनी के रूप में दो किस्तों में दिये गये थे ताकि उनके विधानसभा क्षेत्र में कंपनी आसानी से परिचालन कर सके. आरोप है कि यह रकम बिस्वाल की पत्नी के खाते में डाली गयी. कथित तौर पर भुगतान को वास्तविक व्यापार लेनदेन के रुप में दिखाने के लिये स्टांप पेपर पर जाली और फर्जी दस्तावेज बनाकर छेड़छाड़ की गयी थी.
सीशोर कपंनी पर आरोप है कि उसने अधिक ब्याज दिलाने का वादा करके निवेशकों से 1,000 करोड़ रुपये एकत्र किये थे. कंपनी निवेशकों का 500 करोड़ रुपये वापस करने में नाकाम रही है. इससे पहले सीबीआइ की टीम ने बिस्वाल के भुवनेश्वर स्थित सरकारी आवास और कट्टक के महानदी विहारवाले घर में छापेमारी की थी. साल 2014 में सीबीआइ ने बिस्वाल से कई बार पूछताछ की थी. उनकी पत्नी लक्ष्मी बिस्वाल से भी इस मामले में सीबीआइ ने पूछताछ की थी. सीशोर समूह की नौ कंपनियों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.
सीशोर समूह उन 44 पोंजी कंपनियों में शामिल हैं जिन पर सीबीआइ की नजर है. वहीं, दूसरी ओर बिस्वाल की गिरफ्तारी की खबरें आने के बाद ओड़िशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलायी. बैठक में राज्यसभा सदस्य प्रताप देब, बीजेडी के उपाध्यक्ष देबी मिश्रा, वित्त मंत्री शशिभूषण बहेरा समेत कई विधायक मौजूद रहे. बीजेडी के कई नेता पोंजी स्कीम घोटाले मामले में उलझे हुए हैं. हाल ही में चिटफंड कंपनियों से जुड़े होने पर सीबीआइ ने बीजेडी के विधायक प्रवत त्रिपाठी और सांसद रामचंद्र हंसदह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद दोनों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया. बीजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य पीके देब ने संवाददताओं से कहा, बिस्वाल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. यह बीजेपी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की राज्य योजना का हिस्सा हो सकता है.
सीबीआई ने बिस्वाल को इससे पहले क्यों नहीं गिरफ्तार किया, जबकि वह इस मामले में पहले भी कई बार उनसे पूछताछ कर चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिस्वाल की गिरफ्तारी बीजेपी के दबाव में हुई है. हालांकि, बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी केपी सिंहदेव ने बिस्वाल की गिरफ्तारी में किसी भी तरह की राजनीतिक साजिश होने से इनकार किया है.