हिसार : स्वयंभू संत रामपाल को आज अदालत द्वारा दाे केस से बरी कर दिया गया, जबकि उन पर दो केस चलते रहेंगे. हिसार सेंट्रल जेलनंबर वन में उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई की गयी और उन्हें सरकारी कार्यमें बाधा डालने एवं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले से बरी कर दिया गया. जबकि उनके खिलाफ देशद्रोह व हत्या का केस चलता रहेगा. रामपाल के वकील एपी सिंह ने इसे सत्य की जीत बताया है. अदालत ने स्वयंभू बाबा रामपाल को आज सबूतों के अभाव में दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया. हिसार के न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने फैसला सुनाते हुए सतलोक आश्रम, बरवाला के प्रमुख रामपाल और उनके अनुयायियों को बरी कर दिया. पुलिस की ओर से डेरा सच्चा सौदा मामले की पृष्ठभूमि में तनाव व्याप्त होने के जिक्र किये जाने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 24 अगस्त को मामले की सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए टाल दी थी.
रामपाल के वकील एपी सिंह ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘ ‘अदालत ने दोनों मामले में रामपाल को बरी कर दिया है. ‘ ‘ रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ 17 नवंबर 2014 को आईपीसी की धारा 186 (सरकारी कामकाज के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा डालना), 332 ( जानबूझकर लोकसेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन में चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसका कर्तव्य पूरा करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया था. रतिया (फतेहाबाद) के सुखदेव सिंह की शिकायत पर दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने, लोकसेवक के आदेश का उल्लंघन और गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोककर रखने के आरोप में रामपाल और उसके अनुयायियों-पुरुषोत्तम दास, राज कुमार, मनोहर सिंह, राजेंद्र सिंह, राहुल और 30-40 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 18 नवंबर, 2014 को एक और मामला दर्ज किया गया था. वर्ष 2014 में आश्रम परिसर से रामपाल के 15,000 से ज्यादा अनुयायियों को खाली कराने को लेकर उसके कुछ समर्थकों और पुलिस के बीच गतिरोध के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया गया था. इस गतिरोध ने हिंसक रूप ले लिया जिससे पांच लोगों की मौत हो गयी थी.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रामपाल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. रामपाल ने इस आदेश पर अमल के लिए पुलिस की कार्रवाई का प्रतिरोध किया था. उन्होंने अदालत की अवमानना जैसे आरोपों पर जवाब देने के लिए उच्च न्यायालय में पेश होने से भी इनकार कर दिया था. वह बरवाला हिसार में अपने आश्रम के भीतर छिपे रहे. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि रामपाल अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि वह देशद्रोह सहित अन्य आरोपों का सामना कर रहे हैं.
He( self styled godman Rampal) has been acquitted in the two cases (426 and 427). Its a victory of truth: AP Singh ,Lawyer #Haryana pic.twitter.com/cuK3nTlSKN
— ANI (@ANI) August 29, 2017
Proceedings begin via video conferencing at Hisar Central Jail No. 1 in two criminal cases against self-styled godman Rampal #Haryana
— ANI (@ANI) August 29, 2017
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रामपाल का क्या है अतीत?
रामपाल हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसीलके धनाना गांव में आठ सितंबर 1951 को पैदा हुए थे. वह पहले हरियाणा सरकारके सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी करते थे.स्वामी रामदेवंनद महाराज का शिष्य बनने के बादउन्होंने नौकरीछोड़ दीऔर प्रवचन करने लगे. बाद के दिनों में वह कबीरपंथी बन गये. साल 2014 के अंतिम दिनों में उनके समर्थकों ने बड़ा हंगामा मचाया था. उसके बाद 45 हजार जवानोंकी ताकत लगाने के बाद वह कई दिनों बाद अरेस्ट हुए थे. इस घटना मेंपांच महिलाओं व एक बच्चेसहित छह की मौतहो गयी थी.उस समय अदालत में 43 बार उसके पेश नहीं होने पर उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिसगयी थी, इसी गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके समर्थक हिंसक हुए थे. हालांकि सुरक्षा बलों के प्रयोग के बाद वह अरेस्ट हुए और इस मामले में वह तब से जेल मेंबंद हैं.बाद में तलाशी में उसके आश्रम से कई आपत्तिजनक चीजें मिली थीं. उन्होंने एक निजी कमांडो दस्ता भी रखा था.
रामपाल के पास भी भक्तों कीबड़ीसंख्या
राम रहीम की तरह रामपाल के पास ही भक्तों की बड़ी संख्या है. वे भक्त उनके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. 2006 में रामपाल के हिसार में उनके आश्रम सतलोक आश्रम की जमीन को लेकर विवाद हुआ था और इस मामले में एक की हत्या हुई थी. इस मामले में रामपाल के खिलाफ केस चला, लेकिन उनके समर्थकों ने हिसार कोर्ट परिसम में खूब बवाला मचाया, जिससे केस हाइकोर्ट चलागया. हाइकोर्ट द्वारा बार-बार तलब किये जाने के बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं हुए. 2013 में भी करोनथा गांव मेंझड़प हुई थी, जिसमें दो लोगोंकी जान चली गयी थी और कई घायल हो गये थे.