सिरसा/चंडीगढ़ : दुष्कर्म के मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के जेल जाते ही उसकी करतूतें सामने आने लगी है. सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय के इलाके में भारतीय करेंसी नहीं, बल्कि अलग करेंसी चलती थी. गुरमीत राम रहीम की ‘सच दुकानों’ में पांच और दस रुपये के प्लास्टिक के सिक्के या टोकन चलते थे. इन सिक्कों पर लिखा होता है ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा, डेरा सच्चा सौदा सिरसा’. जो अनुयायी दुकानों का संचालन करते थे, वे ग्राहकों को छुट्टे देने के लिए इन सिक्कों और टोकन का इस्तेमाल करते थे. इनका इस्तेमाल ग्राहक बाद में ‘सच’ दुकानों से सामान खरीदने में कर सकते थे. ग्राहक यदि भारतीय करेंसी में खुल्ले नहीं दे पाते, तो दुकानदार इनके बदले पांच और दस रुपये के प्लास्टिक के सिक्के या टोकन उन्हें दिया करते थे. डेरा परिसर करीब एक हजार एकड़ इलाके में फैला है, इसकी अपनी टाउनशिप है, अपने स्कूल हैं, खेल गांव, अस्पताल और सिनेमा हॉल भी है.
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इधर, खुलासा हुआ है कि सात लोगों ने राम रहीम के दोषी साबित होने पर उसको वहां से भगाने की साजिश रची थी. इसे लेकर बाकी पुलिसवालों और सिक्योरिटी गार्ड से उन लोगों की झड़प भी हो गयी थी, जिनके चलते वे अपने प्लान में फेल हो गये. फेल होने के बाद कथित रूप से उन लोगों ने ही किसी को फोन किया और फिर हिंसा शुरू हुई. पुलिस भी मान रही है कि फोन कॉल की वजह से ही हिंसा ज्यादा भड़की. पुलिस के मुताबिक, बाबा को भगाने की कोशिश में कुल सात लोग लगे थे. इसमें पांच हरियाणा पुलिस के जवान थे. ये लोग बाबा की जेड प्लस सिक्योरिटी का हिस्सा थे. बाकी दो लोग प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड थे.
पुलिसवालों की पहचान हेड कॉन्सटेबल अजय, कॉन्सटेबल राम सिंह, हेड कॉन्सटेबल विजय सिंह, सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह और कॉन्सटेबल किशन कुमार के रूप में हुई है. प्राइवेट सिक्योरिटी में लगे लोगों का नाम प्रीतम सिंह और सुखबीर बताया गया है. इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इन पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. ये मामला एएसआइ रमेश कुमार की शिकायत पर दर्ज हुई है.