पलक्कड (केरल) : गर्मी जहां अपना असर दिखा रही है, वहीं पलक्कड में चुनावी सरगर्मी भी उफान पर है. मुकाबले में कांग्रेस नीत यूडीएफ से सोशलिस्ट जनता डेमोक्रेटिक नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम पी वीरेंद्र कुमार के आने से माकपा के मौजूदा सांसद एम बी राजेश की राह में मुश्किलें बढ़ गयी है. वामपंथियों का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट का एके गोपालन और ई के नयनार जैसे दिग्गज वामपंथी नेता प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लेकिन कभी-कभार कांग्रेस को भी यहां से मौका मिला है.
भाजपा ने मुखर महिला नेता शोभा सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है. पूर्व के चुनाव में अपनी पार्टी का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं होने के बावजूद इस बार उन्होंने पूरी जी जान दी है. माकपा की युवा इकाई डीवाईएफआई के अध्यक्ष राजेश को मौजूदा सांसद होने और पलक्कड का होने का लाभ मिल सकता है तो वीरेंद्र कुमार वोटरों के बीच सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, वक्ता के तौर पर लोकप्रिय हैं. यूडीएफ नेताओं के मुताबिक कांग्रेस ने वीरेंद्र कुमार के कद और उनकी निजी उपलब्धियों को देखते हुए इस बार सीट एसजेडी के लिए छोड़ दी है.
वीरेंद्र कुमार कहते हैं, अतीत में माकपा सांसदों ने क्षेत्र के लिए सही से काम नहीं किया. पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं आज भी यहां मुद्दा हैं. केंद्रीय कोष लेने के लिए कोई ईमादनार प्रयास नहीं किए गए, यहां तक कि सांसद के स्थानीय विकास कोष का भी सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ.