नयी दिल्ली: एक स्थानीय अदालत ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की कार्यवाही में देर को लेकर आज दिल्ली पुलिस की खिंचाई की और चेतावनी दी कि वह उस पर जुर्माना लगाएगी तथा मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी जाएगी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भरत पाराशर ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से कहा, ‘‘यदि मुङो बचाव पक्ष से इस बारे में कोई अर्जी (16 मई के बाद) प्राप्त हुई कि दस्तावेज पूरा नहीं हुआ है तो मैं जुर्माना लगाउंगा और मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दूंगा. आप (पुलिस) इस पर नौ महीने से काम कर रहे हैं.’मामले में पुलिस द्वारा दाखिल किए गए आरोपपत्र के साथ सौंपे गए दस्तावेज की छानबीन के पूरा होने में देर पर अदालत ने नाराजगी जताई. दरअसल, आरोपियों की ओर से पेश हुए कुछ वकीलों ने कहा कि उन्हें अभी तक दस्तावेजों का पूरा सेट नहीं मिला है.
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं दस्तावेज मुहैया करने का काम नहीं करुंगा. मुङो दूसरे जरुरी काम भी हैं.’’ उन्होंने पुलिस को 16 मई तक सारे दस्तावेज तैयार करने और उन्हें मुहैया करने का निर्देश दिया. 16 मई सुनवाई की अगली तारीख है.न्यायाधीश ने कहा कि मेरे लिए विचार करने की सिर्फ यह बात है कि किस लिए मुङो कार्यवाही स्थगित करनी चाहिए.
हालांकि, सरकारी वकील राजीव मोहन ने अदालत से कहा कि सुनवाई की अगली तारीख से पहले पुलिस उसके समक्ष सारे दस्तावेज पेश कर देगी और यह आरोपियों के वकील को भी मुहैया कर देगी.
इससे पहले अदालत ने मामले को बार बार स्थगित किए जाने पर चिंता जताई और पुलिस को आरोपपत्र की प्रति तथा इसके साथ सौंपे गए अन्य दस्तावेज निलंबित क्रिकेटर एस श्रीसंत और अजीत चंदीला सहित सभी आरोपियों को मुहैया करने को कहा.दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 6,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था.
पुलिस ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि आरोपी अंडरवल्र्ड सरगना दाउद इब्राहिम और उसका सहयोगी छोटा शकील का आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में हाथ था जो फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी के बाजार को नियंत्रित करते हैं.