नयी दिल्ली : इंडियन मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी एवं देश में हुए सिलसिलेवार आतंकवादी हमलों के कथित षड्यंत्रकर्ता तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को आज दिल्ली की एक अदालत ने दो अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
अख्तर को कल पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित काकरविट्टा के पास से गिरफ्तार किया गया था. उसे रात में दिल्ली लाया गया और सुबह न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने अदालत को बताया कि उसे प्रतिबंधित संगठन के पूरे आतंकवादी षड्यंत्र का पता लगाने के लिए उससे हिरासत में पूछताछ करना जरुरी है.
पुलिस ने इसके साथ ही अदालत को यह भी बताया कि इंडियन मुजाहिदीन का शीर्ष बम बनाने वाले अख्तर का उसके शीर्ष सहयोगी एवं पाकिस्तानी नागरिक जिया उर रहमान उर्फ वकास से आमना सामना कराना है. वकास को गत 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि अख्तर का सामना पकडे गए अन्य आतंकवादियों से भी कराना है.
पुलिस के अनुसार आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद अख्तर ही इंडियन मुजाहिदीन का नेतृत्व कर रहा था. चार अन्य आरोपियों वकास, शाकिब, महरुफ और वकार को पहले राजस्थान से गिरफ्तार करने के बाद क्रमश: 22 और 23 मार्च को यहां की एक अदालत में पेश किया गया था. अदालत ने इन सभी को दो मार्च तक पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में सौंप दिया था.
सुरक्षा एजेंसियों को अख्तर की सिलसिलेवार आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका के लिए तलाश थी जिसमें सात जुलाई 2013 को बोध गया विस्फोट और गत वर्ष 27 अक्तूबर को पटना विस्फोट शामिल थे. पुलिस ने पहले अदालत को बताया था कि अख्तर और वकास ने कुछ महीने पहले जयपुर और जोधपुर का दौरा किया था तथा गिरफ्तार किये गए आरोपियों मोहम्मद महरुफ, मोहम्मद वकार अजहर उर्फ हनीफ और शाकिब अंसारी उर्फ खालिद को आतंकवादी गतिविधियों के लिए आईईडी बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया था.
पुलिस ने कहा कि अजमेर रेलवे स्टेशन के बाहर गिरफ्तार किया गया वकास आईईडी बनाने में विशेषज्ञ है. इन चारों आरोपियों की राजस्थान से गिरफ्तारी के साथ ही विशेष इकाई ने दावा किया उसने आगामी चुनाव में बडा आतंकवादी हमला टाल दिया है. अख्तर को वकास और तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने कहा कि अख्तर को जैसे ही वकास और सहयोगियों की गिरफ्तारी का पता चला वह नेपाल स्थित अपने ठिकाने से फरार होकर बांग्लादेश में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था कि तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
विशेष आयुक्त (विशेष इकाई) एस एन श्रीवास्तव ने कहा, 23 वर्षीय अख्तर बिहार के दरभंगा का निवासी है और वह अहमद सिद्धिबप्पा जरार उर्फ यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद से भारत में इंडियन मुजाहिदीन का नेतृत्व कर रहा था. वह भटकल का प्रमुख सहयोगी था और विभिन्न राज्यों में हुए श्रृंखलाबद्ध आतंकवादी हमलों के लिए उसकी तलाश थी. पुलिस ने कहा कि वकास ने इंडियन मुजाहिदीन के शीर्ष सदस्य और वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहे रियाज भटकल के निर्देश पर यासीन से मुलाकात की थी.
वकास की देश में हुए कई बम धमाकों में तलाश थी और उसे यासीन भटकल का नजदीकी सहयोगी माना जाता है जिसे एनआईए ने गत वर्ष उसके नजदीकी सहयोगी असादुल्ला अख्तर के साथ गिरफ्तार किया था. यासीन भटकल असादुल्ला अख्तर उर्फ हद्दी को भारत-नेपाल सीमा से गत वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, वकास, अख्तर फरार थे.
पुलिस ने बताया कि वकास और राजस्थान माड्यूल के तीन अन्य अख्तर के निर्देश पर काम कर रहे थे और उन्हें हमले के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया था लेकिन हमला कहां करना है यह नहीं बताया गया था. पुलिस के अनुसार महरुफ, शाकिब और वकार से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि वे राजस्थान के गोपालगढ़ में हुए दंगों का बदला लेने के लिए कुछ करने योजना बना रहे थे.
पुलिस के अनुसार अख्तर ने पहला काम 2010 में किया जब उसने पाकिस्तान से काठमांडो पहुंचे असादुल्ला अख्तर का स्वागत किया था. पुलिस ने कहा कि अख्तर ने यासीन, असादुल्ला और वकास के साथ मिलकर 12 जुलाई 2011 को मुम्बई के ओपेरा हाउस और जवेरी बाजार में किये गए विस्फोट में शामिल था. उस समय यासीन इंडियन मुजाहिदीन का प्रमुख था.