पर्ची व्यवस्था एक साथ अगले दो दिनों के लिए सीरियल नंबर और नाम के साथ रहती है
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जंक्शन पर तत्काल टिकट प्राप्त करने की मौजूदा प्रणाली यात्रियों के लिए सिरदर्द बन गयी है. जिससे आये दिन विवाद और झड़पें देखने को मिल रही हैं. पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) भवन के बाहर तत्काल टिकट के लिए दीवारों पर पर्ची चिपकाने का खेल आम है. यह पर्ची व्यवस्था एक साथ अगले दो दिनों के लिए सीरियल नंबर और नाम के साथ रहती है, कई बार रात में पर्चियों के फाड़े जाने को लेकर भारी विवाद उत्पन्न होता है. वहीं सुबह के समय जब टोकन का समय आता है, तो पर्ची बड़ा विवाद का कारण बनता है.
यात्रियों का आरोप है कि सुबह के समय भी तत्काल टिकट वितरण की कोई व्यवस्थित प्रणाली नहीं है. जिससे रोज धक्का-मुक्की और बहसबाजी होती है. कई यात्रियों ने इस अव्यवस्था को लेकर रेल मंत्रालय से शिकायत भी की है. अनमोल चौधरी ने पर्ची के वीडियों के साथ मंत्रालय व आरपीएफ को परेशानी से अवगत कराया है. मामले में डीआरएम सोनपुर ने संज्ञान लिया है. इस ””पर्ची कल्चर”” के कारण वास्तविक जरूरतमंद यात्रियों को अक्सर तत्काल टिकट से वंचित होना पड़ता है, जबकि कुछ लोग इस व्यवस्था का लाभ उठाकर टिकटों की कालाबाजारी भी करते हैं.तत्काल टिकट के नियम क्या कहते हैं ?
रेलवे के तत्काल टिकट नियमों के अनुसार, तत्काल कोटे के तहत टिकट यात्रा की तारीख से एक दिन पहले तय समय पर खुलते हैं. ये टिकट पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर जारी किए जाते हैं. नियम यह भी कहते हैं कि इन टिकटों की बुकिंग केवल अधिकृत पीआरएस काउंटरों या आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ही की जा सकती है. किसी भी अनौपचारिक पर्ची या कतार प्रणाली को रेलवे द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है. मुजफ्फरपुर में प्रचलित यह पर्ची व्यवस्था स्पष्ट रूप से इन नियमों का उल्लंघन है, और यात्रियों के लिए भारी परेशानी का कारण बन रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है