जलालगढ़. खेती में परंपरागत व नयी तकनीक विधि के साथ खेती करने की सलाह शुक्रवार को प्रखंडस्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला उद्यान पदाधिकारी राहुल कुमार ने दी प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित ई किसान भवन में खरीफ महाभियान का आयोजन किया गया. मौके पर प्रखंड प्रमुख निखिल उर्फ भिखारी यादव, जिला उद्यान पदाधिकारी राहुल कुमार, सीओ मो सबीहुल हसन, बीएओ दिलीप कुमार रजक, भोपाशाकृमवि पूर्णिया के कृषि वैज्ञानिक सह प्राध्यापक डॉ जयप्रकाश प्रसाद, डॉ अनुपम कुमारी ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर महाभियान का शुरू किया. मौके पर मौजूद कृषि विभाग के अधिकारी व कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खरीफ फसलों की जानकारी दी. बताया गया कि खेत में एक ही प्रकार की फसलों के उत्पादन से मृदा की उर्वरता क्षय होती है. इसके लिए बदल बदल कर फसलों का उत्पादन करना चाहिए. रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली फसलों को अपने खेतों में लगाएं. मोटे अनाज के पैदावार बढ़ाने को लेकर जोर दिया गया. वहीं जिला पदाधिकारी के संदेश को किसानों के बीच रखा गया. बताया गया कि अपने खेत के 80 प्रतिशत भाग पर परम्परागत खेती करें और शेष 20 प्रतिशत भाग पर अधिक आमदनी देने वाले फसल की बुआई करें. दोनों के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर किसान अपने सर्वांगीण विकास कर सकते हैं. मौके पर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं को बताया गया. सिंचाई के लिए जहां बिजली की सुविधा नहीं है वहां पम्पसेट के लिए अनुदान राशि, पहली बार मखाना खेती करने वाले किसान को क्षेत्र विस्तार खेती के तहत योजना का लाभ, महिला समूह बनाकर मशरूम उत्पादन का लाभ आदि की विस्तृत जानकारी दी गयी. साथ ही कीट व्याधि से बचाव के उपाय को भी बताया गया. मौके पर प्रखंड प्रमुख, सीओ, कृषि अधिकारी सहित कृषि वैज्ञानिक, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अवधेश कुमार, एटीएम प्रणव कुमार, प्रखंड कृषि समन्वयक निरंजन कुमार, कृषक सलाहकार विवेकानंद दास, रवि सुमन भारती, दिलीप कुमार, क्षेत्र के किसान रामेंद्र प्रसाद यादव, संपत लाल विश्वास आदि मौजूद थे. फोटो. 31 पूर्णिया 23- खरीफ महाभियान में मौजूद अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक
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