National Vaccination Day 2023: भारत में, राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (IMD) के रूप में भी जाना जाता है) हर साल 16 मार्च को पूरे देश में टीकाकरण के महत्व को बताने के लिए मनाया जाता है.टीके, वायरस या बैक्टीरिया के असर को कम कर उन्हें पूरी तरह से खत्म करने का काम करते हैं जिससे हम कई गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं.
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का इतिहास
1995 में भारत ने पल्स पोलियो कार्यक्रम शुरू किया और ओरल पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई.विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी नुकसान पहुंचाने वाले एजेंटों के खिलाफ मजबूत हो जाती है.
क्या है टीकाकरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के अनुसार, टीकाकरण (Vaccination / immunization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले विकार या वायरस के खिलाफ मजबूत हो जाती है.
टीका शरीर में मौजूद रक्त में घुलने के बाद स्वास्थ्य प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी बनाते हुए बाहरी आक्रमण यानी वायरस के हमलों से सुरक्षित बनाने में मदद करता है.टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी बनने से वायरस या बैक्टीरिया जैसे कीटाणु कमजोर हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं या कमजोर कर देते हैं.जिससे व्यक्ति बीमारी का शिकार नहीं बन सकते हैं.
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का महत्व
आज की दुनिया में टीकाकरण के महत्व को कम नहीं किया जा सकता है. मनुष्य को ज्ञात घातक और खतरनाक बीमारियों को रोकने के लिए टीके सबसे प्रभावी उपाय हैं. दुनिया भर में व्यापक टीकाकरण अभियानों के परिणामस्वरूप दुनिया के प्रमुख हिस्सों से चेचक, खसरा, टिटनस जैसे अत्यधिक संक्रामक और खतरनाक बीमारियों का खात्मा हुआ है.