Bhagavad Gita Gyan : भगवद गीता में श्री कृष्ण ने ज्ञान के महत्व को स्पष्ट रूप से बताया है. उन्होंने ज्ञान को आत्मा की सच्चाई और संसार के वास्तविकता को समझने का माध्यम बताया. गीता में ज्ञान न केवल शारीरिक और मानसिक विकास का उपाय है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में संतुलन और शांति लाने का एक तरीका भी है. श्री कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से हम सच्चे ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं, जो हमें मोक्ष की ओर मार्गदर्शन करता है, भगवद गीता का ज्ञान : ज्ञान की परिभाषा बताते हैं श्री कृष्ण, आप भी पढ़िए :-
- “जो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्तर पर एकत्व को महसूस करता है, वही सच्चा ज्ञानी है”
- “ज्ञान वह है जो आत्मा के साथ जुड़कर, संसार की नश्वरता को समझने में मदद करता है”
- “सच्चा ज्ञान वही है, जो आपको अहंकार और माया के बंधन से मुक्ति दिलाए”
- “ज्ञान से ही आत्मा की शुद्धता होती है, और इस शुद्धता से ही मोक्ष प्राप्त होता है”
- “जिस व्यक्ति ने अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण पा लिया है, वह सच्चे ज्ञान की ओर अग्रसर होता है”
- “ज्ञान केवल एक पुस्तक या विद्या का संग्रह नहीं, बल्कि आत्मा की सच्चाई को जानने का उपाय है”
- “ज्ञान वह है, जो आत्मा को इसके वास्तविक रूप को जानने में सक्षम बनाता है और संसार के भ्रम से मुक्त करता है”
- “जो व्यक्ति सच्चे ज्ञान में निष्ठित होता है, वह जीवन के हर संघर्ष को शांति और संतुलन के साथ स्वीकार करता है”
- “कर्म करते समय अपने कार्यों का फल न सोचकर, केवल धर्म और ज्ञान के मार्ग पर चलो”
- “सच्चा ज्ञान वही है, जो आत्मा और परमात्मा के बीच के संबंध को समझने में मदद करे”
यह भी पढ़ें : Bhagavad Gita Gyan : भगवद् गीता में बताए गए है ये 10 खास उपदेश, आप भी पढ़िये
यह भी पढ़ें :Harry Potter Quotes : 10 से भी ज्यादा हैरी पॉटर कोट्स, दिलाएंगे मदद पढ़ाई में
यह भी पढ़ें : Garuda Purana : गरुड़ पुराण में बताए गए है मृत्यु के बाद के 10 सबसे खतरनाक दंड
इन उद्धरणों से यह समझ आता है कि श्री कृष्ण ने ज्ञान को आत्मा के असली रूप को जानने और जीवन के सत्य को समझने का एक माध्यम बताया है..