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कई महीनों की मेहनत बनाती है ‘गणतंत्र दिवस को खास’

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का मुख्य प्रोग्राम नई दिल्ली में राजपथ, इंडिया गेट पर आयोजितकिया जाता है. इस दौरान राष्ट्रपति और चीफ गेस्ट परेड की सलामी लेते हैं. 98 मिनट की परेड भले ही लोगों के लिए एक मनोरंजन हो, पर इसकी तैयारी के पीछे महीनों की कड़ी मशक्कत होती है. गणतंत्र दिवस की […]

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का मुख्य प्रोग्राम नई दिल्ली में राजपथ, इंडिया गेट पर आयोजितकिया जाता है. इस दौरान राष्ट्रपति और चीफ गेस्ट परेड की सलामी लेते हैं. 98 मिनट की परेड भले ही लोगों के लिए एक मनोरंजन हो, पर इसकी तैयारी के पीछे महीनों की कड़ी मशक्कत होती है.

गणतंत्र दिवस की परेड को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस आयोजित कराता है. इसके लिए महीनों पहले से ही तैयारीयों का दौर शुरू हो जाता है. करतबों और हैरान कर देने वाले एक्शन के लिए आर्म फ़ोर्स कई घंटों की प्रैक्टिस करती है.

ठीक 26 जनवरी से पहले पूरे साजो-सामान और वेशभूषा के साथ सभी प्रतिभागी रिहर्सल करते हैं. लाखों की संख्या में दर्शक दिल्ली के राजपथ पर इस आयोजन को देखने के लिए एकत्र होते हैं.

आइये आपको बताते हैं कैसे होती हैं सेना की रिहर्सल…

राजपथ पर होने वाली परेड से पहले सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां कई राउंड रिहर्सल करती हैं.

फाइनल प्रेजेंटेशन से पहले कल्चरल, स्कूली बच्चों के परफॉर्मेंस की भी रिहर्सल होती है. इससे पहले छह प्रक्रियों से निकलना पड़ता है उसके बाद ही होता है सिलेक्शन

झांकियों का सिलेक्शन भी आसान नहीं होता. डिफेंस मिनिस्टरी की स्पेशलिस्ट टीम झांकी का सिलेक्शन करती है.

कोई भी झांकी तभी चयनित होगी जब वह छह प्रक्रियाओं से होकर गुजरेगी.

इस प्रक्रिया में कंटेंट, डिजाइन, थ्री डी मॉडल और म्यूजिक जैसे स्टैंडर्ड्स में खरा उतरने पर ही झांकी को फाइनल किया जाता है.

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