आज कन्नड़ फिल्मों के महानायक राजकुमार की 88वीं जयंती है. इस मौके पर गूगल ने डूडल बनाया है. डूडल में युवा राजकुमार को एक मूवी थियेटर के बड़े से पर्दे पर दिखाया गया है. जानेमाने कन्नड़ अभिनेता और गायक राजकुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनका जन्म 14 अप्रैल 1929 को कर्नाटक में हुआ था. फिल्म दुनियां में कदम रखने से पहले उनका नाम सिंगनल्लुरु पुट्टास्वमैय्या मुथुराजू था. अपने दमदार अभिनय से उन्होंने कलाकरी की दुनियां में एक खास पहचान बनाई.
साल 1954 में उन्होंने अपने सिने करियर की शुरुआत फिल्म ‘बेदारा कनप्पा’ से की थी. 1954 में अपनी पहली फिल्म से लेकर साल 2000 में अपनी आखिरी फिल्म तक के सफर में उन्होंने लगभग 220 फिल्मों में काम किया. उनकी आखिरी फिल्म ‘शब्दवेदी’ थी. राजकुमार को भारतीय सिनेमा का पहला महानायक हैं जिन्होंने पर्दे पर कभी शराब नहीं पी और न ही कोई नशा किया.
राजकुमार ने पर्दे पर जितने नाटकीय किरदार निभाये, उनकी असल जिंदगी भी किसी रोमांचक सफर से कम नहीं थी. साल 2000 में कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन ने उनका अपहरण कर लिया था. वीरप्पन को इस बात का एहसास था कि वो राजकुमार को अपने चंगुल में रखकर कोई भी शर्त मनवा सकता है. वीरप्पन ने अपने गिरोह के एक सदस्य की रिहाई की मांग रखी थी जो जेल में सजा काट रहा था. राजकुमार ने 108 दिन वीरप्पन के साथ घनघोर जंगल में बिताये.
साल 1983 में राजकुमार को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा इस महान कलाकार को 3 बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. उन्हें 3 में से एक अवार्ड उनकी गायकी के लिए मिला है. उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका है. कन्नड़ सिनेमा में राजकुमार ने एक रिकॉर्ड कायम करते हुए ‘साउथ फिल्मफेयर अवार्ड’ में 10 बार सर्वश्रष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम किया था. इसके अलावा भी उन्होंने अन्ये सिनेमा के भी कई प्रतिष्ठित अवार्ड अपने नाम किये हैं.
2 अप्रैल 2006 को अपने चाहनेवालों को एक बड़ा सदमा देकर वे इस दुनियां को छोड़ चले गये. अपनी कलाकारी से दर्शकों को अपना बनाने वाले राजकुमार को आज भी उनके दमदार अभिनय के लिए जाना जाता है.