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फिल्मों की शूटिंग के लिए झारखंड उपयुक्त
रांची: फिल्म अभिनेता शरद केलकर रांची में हैं. वह यहां अपनी मराठी फिल्म एड़क के लिए लोकेशन देखने आये हैं. इस फिल्म के निर्माता दीपक गावड़े, शरद केलकर व अश्विनी राजगढ़िया हैं. वहीं, सह निर्माता सीमांत लोहानी व संजीव वर्मा हैं. यहां फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिले, इसके लिए उन्होंने सरकार से भी सकारात्मक सहयोग […]
रांची: फिल्म अभिनेता शरद केलकर रांची में हैं. वह यहां अपनी मराठी फिल्म एड़क के लिए लोकेशन देखने आये हैं. इस फिल्म के निर्माता दीपक गावड़े, शरद केलकर व अश्विनी राजगढ़िया हैं. वहीं, सह निर्माता सीमांत लोहानी व संजीव वर्मा हैं. यहां फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिले, इसके लिए उन्होंने सरकार से भी सकारात्मक सहयोग मांगा है. शरद देर शाम प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे. उनसे हमारे संवाददाता राजेश तिवारी ने बातचीत की.
झारखंड कैसा लगा?
यहां मुझे घर जैसा अनुभव हो रहा है. लगता है मैं अपने घर ग्वालियर में हूं. काफी अच्छा लग रहा है. पुरानी यादें ताजा हो गयीं. वही समोसे, गोलगप्पे के ठेले दिखे. झारखंड में काफी हरियाली है. प्राकृतिक सुंदरता है. मेरे दोस्तों ने दिखाया. यहां फिल्मों के लिए अच्छे लोकेशन भी हैं. फिलहाल हरियाली की तसवीरें देखीं हैं, जिसने काफी आकर्षित किया है. अगली बार आऊंगा, तो घूमने जाऊंगा. यहां के लाेग काफी अच्छे हैं.
ग्वालियर से मुंबई तक का सफर कैसा रहा?
ग्वालियर से मुंबई तक का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा. मैं मॉडलिंग करता था. घर में सारे लोग एमबीए हैं, इस वजह से मुझे भी एमबीए करना पड़ा. मुझे सीडीएस में जाने की इच्छा थी. पिता की मौत के बाद अकेला हो गया. अचानक कुछ दोस्तों को मुंबई जाने के लिए मनाया. मेरे पास पैसे नहीं थे, लेकिन मेरी मां ने मुझे जैसे-तैसे कर 10 हजार रुपये दिये. उसे लेकर मैं मुंबई गया. मुंबई में दो साल तक 12 दोस्तो के साथ दो कमरों में गुजारना पड़ा. इसके बाद मुझे मॉडलिंग के ऑफर आने लगे. इसी दौरान मुझे मेरी पत्नी कीर्ति केलकर का साथ मिला. जैसे मेरी किस्मत ही खुल गयी. मुझे बड़ी फिल्मों के ऑफर भी आने लगे.
झारखंड सरकार से क्या उम्मीदें हैं?
यहां अच्छे लोकेशन हैं. यहां की फिल्म नीति के बारे में सुना. नीति अच्छी है. फिल्माें की शूटिंग हाेगी, ताे राेजगार के भी अवसर बढ़ेंगे. सरकार को पर्यटन के साथ-साथ फिल्म उद्योग को भी बढ़ावा देना चाहिए. साथ ही, हाेटल इंडस्ट्री को बेहतर करने के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए, ताकि, कलाकार के साथ आनेवाले क्रू मेंबर के भी ठहरने की अच्छी व्यवस्था हो. टीम आये, उनकी सुरक्षा बेहतर हाे. सबसे जरूरी है कि मुंबई से झारखंड के लिए सीधी फ्लाइट हो. काेई शक नहीं है कि यहां फिल्माें की शूटिंग बढ़ेगी. सबसे महत्वपूर्ण है कि यहां कोई भी कलाकार आये, तो इस राज्य के बारे में अच्छा संदेश लेकर जाये.
आपने हर तरह के किरदार निभायें हैं. सबसे कठिन किरदार?
आसान किरदार निभाना सबसे कठिन काम है. कलाकार के लिए फिल्में अासान नहीं होती है, उन्हें काफी सोचना पड़ता है. मैं शुरू से क्रिएटिव रहा. इसलिए अभिनय के साथ-साथ अब फिल्में भी प्रोड्यूस करने लगा हूं.
पीआेके पर सर्जिकल स्ट्राइक को किस तरह से देखते हैं?
देखिये, एक कलाकार के नाते मैं कहना चाहूंगा कि दोनों देशों के बीच संबंध सुधरे, तो बेहतर होगा. पर देश पहले है.
शरद केलकर का परिचय
सात अक्तूबर 1976 को जन्में शरद केलकर का फिल्मी सफर 2004 में शुरू हुआ. इससे पहले उन्होंने ग्वालियर में जिम इंस्ट्रक्टर का काम किया. उसके बाद मॉडलिंग भी की, फिर अभिनय में आये. उनकी पहली हिंदी फिल्म हलचल थी. उनकी महत्वपूर्ण फिल्मों में संजय लीला भंसाली की रामलीला, निखिल आडवाणी की हीरो, आशुतोष गोवारिकर की मोहन जोदाड़ो प्रमुख हैं. 2004 में ही दूरदर्शन पर उनकी सीरियल धारावाहिक आक्रोश को लोगों ने पसंद किया. अब तक उन्होंने सीआइडी, सात फेरे, उतरन, एजेंट राघव जैसे धारावाहिकों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया.
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