नयी दिल्ली: विज्ञापन की दुनिया में अपना हाथ आजमा चुके विनील मैथ्यू का मानना है कि विज्ञापन की दुनिया का अनुभव और कैमरा से रुबरु होने के कारण उन्हें अपनी पहली फिल्म ‘हंसी तो फंसी’ बनाने में काफी मदद मिली.
विनील का मानना है कि एक विज्ञापन फिल्म निर्माता होना, सहायक निर्देशक होने की तुलना में ज्यादा लाभकारी है. इससे आपको दृश्यों का अनुभव रहता है और आप एक दल का नेतृत्व कर चुके होते हैं.विनील ने एक साक्षात्कार में बताया कि एक विपाज्ञन फिल्म निर्माता होने से आपको एक फिल्म बनाने के दौरान लाभ मिलता है. इससे आपको तीन सेकेंड के एक कहानी के जरिए दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने की क्षमता होती है.
आपके इर्द-गिर्द रहने वाले लोग निर्माता या अभिनेता होते हैं और अगर आप इस तरह के माध्यम में काम कर चुके हैं तो वे आपके साथ काम करते हुये काफी सहज और आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं. इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्र और परिणीति चोपड़ा ने काम किया है और यह फिल्म सात फरवरी को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी.