मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने ‘2002 हिट एंड रन’ मामले में सत्र अदालत के मई में दिए फैसले को खारिज करते हुए आज बॉलीवुड सितारे सलमान खान को सभी आरोपों से बरी कर दिया. सत्र अदालत ने अपने फैसले में सलमान को पांच साल जेल की सजा सुनाई थी. सलमान के ‘हिट एंड रन’ मामले से जुडा घटनाक्रम इस प्रकार हैं :
वर्ष 2002 :28 सितंबर : सलमान खान की सफेद टोयोटा लैंड क्रूजर बांद्रा में हिल रोड स्थित अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी के पास फुटपाथ पर चढ गई थी. घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए थे. सलमान के खून का नमूना लिया गया. बांद्रा पुलिस थाने ने सलमान को गिरफ्तार किया, जमानत मिली.
सलमान के खिलाफ आईपीसी की धाराओं, मोटर वाहन कानून, 1988 और बंबई निषेध कानून, 1949 के तहत मामला दर्ज किया गया.
अक्तूबर 2002 : मुंबई पुलिस ने गैरइरादतन हत्या से संबंधित धारा लगायी जिसके तहत 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है.
7 अक्तूबर : सलमान खान ने बांद्रा पुलिस थाने में आत्मसमर्पण किया.
21 अक्तूबर : मुंबई पुलिस ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत में आरोपपत्र दायर किया.
24 अक्तूबर : सलमान खान को जमानत मिली.
वर्ष 2003 : मार्च : सलमान खान ने मुंबई सत्र अदालत में यह धारा लगाये जाने को चुनौती दी.
मई : सत्र अदालत ने याचिका खारिज की और मजिस्ट्रेट अदालत से आरोप तय करने को कहा.
जून : सलमान खान ने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया जिसने यह माना कि यह धारा इस मामले में लागू नहीं होती.
अक्तूबर : महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी.
दिसंबर : उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि मजिस्ट्रेट अदालत यह फैसला करे कि यह धारा लागू हो सकती है या नहीं.
अक्तूबर : मजिस्ट्रेटी अदालत ने सलमान के खिलाफ आरोप तय किए.
वर्ष 2007 : मई : रासायनिक विश्लेषण रिपोर्ट में बताया गया कि सलमान खान ने शराब का सेवन किया था.
तीन अक्तूबर : पहली प्राथमिकता दर्ज करने वाले पुलिस अंगरक्षक रवींद्र पाटिल की तपेदिक से मौत.
वर्ष 2011 : अक्तूबर : अभियोजन पक्ष ने कहा, सलमान के खिलाफ कठोर धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाए.
वर्ष 2012 : 25 मार्च : 24 गवाहों का बयान दर्ज करने के बाद अभियोजन पक्ष ने अपने साक्ष्य बंद किये.
वर्ष 2013 : 23 दिसंबर : अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वी एस पाटिल ने अभिनेता पर ‘गैर इरादतन हत्या’ का आरोप लगाते हुए मामले को सुनवाई के लिए सत्र अदालत में भेज दिया, क्योंकि मजिस्ट्रेट अदालत के पास इन अपराध पर सुनवाई की शक्ति नहीं है.
24 नवंबर : सत्र अदालत ने सलमान खान मामले में सुनवाई शुरु की.
वर्ष 2015 : 27 मार्च : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे की ओर से सीआरपीसी की धारा 313 के तहत सलमान का बयान रिकॉर्ड किया गया.
28 मार्च : सलमान खान के ड्राइवर अशोक सिंह ने निचली अदालत में गवाही देते हुए दुर्घटना की जिम्मेदारी अपने उपर ली.
9 अप्रैल : विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरात ने मामला में अपना पक्ष पूरा किया.
20 अप्रैल : बचाव पक्ष के वकील श्रीकांत शिवडे भी मामला में अपना पक्ष पूरा किया.
21 अप्रैल : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे ने मामले में छह मई को फैसला सुनाए जाने की घोषणा की.
6 मई : मुम्बई सत्र अदालत ने सलमान खान खान को पांच साल की कठोर कैद की सजा सुनायी। अभिनेता को बंबई उच्च न्यायालय से दो दिन की अंतरिम जमानत मिली.
8 मई : बंबई उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि के विरुद्ध याचिका मंजूर की और अगली सुनवाई की तारीख 15 जून तय की.
7 सितंबर : उच्च न्यायालय ने फाइल खारिज की और उसे फिर से बनाये जाने का आदेश दिया.
21 सितंबर : न्यायमूर्ति ए आर जोशी ने सलमान खान की अपील पर रोजाना सुनवाई शुरु की.
17 नवंबर : बचाव पक्ष के वकील अमित देशाई ने अपना मामला बंद किया. 30 नवंबर : अदालत ने कमाल खान से बतौर अदालती गवाह जिरह के बचाव पक्ष के अनुरोध को खारिज किया.
3 दिसंबर : सरकारी वकील और मुख्य जन अभियोजक संदीप शिंदे ने मामला बंद किया.
4 दिसंबर : न्यायमूर्ति ए आर जोशी ने सात दिसंबर से फैसला लिखाये जाने के लिए अपील पर अगली तारीख दी.
7 दिसंबर : न्यायाधीश ने फैसला लिखाना शुरु किया.
10 दिसंबर : सलमान इस मामले में सभी आरोपों से बरी हुए.