नयी दिल्ली : भले ही करीना कपूर और सैफ अली खान के रोमांस और शादी की खबरें सुर्खियों में रही हों लेकिन बेबो का कहना है कि वह लाइम-लाइट से दूर रहना पसंद करती हैं. लंबे रोमांस के बाद पिछले वर्ष 43 वर्षीय सैफ से विवाह करने वाली करीना का कहना है कि उन्होंने अपनी छवि बनाने पर कभी ध्यान नहीं दिया और जब लोग उनसे जनसंपर्क कौशल के बारे में बात करते हैं तो वह पशोपेश में पड़ जाती हैं.
33 वर्षीय अभिनेत्री ने साक्षात्कार में बताया, ‘‘मुझे नहीं पता कि लोग मुझे घमंडी क्यों समझते हैं. मैं ऐसी व्यक्ति नहीं हूं जिसने कभी भी छवि बनाने के लिहाज से कोई साक्षात्कार दिया हो. मैं ऐसी कभी नहीं रही क्योंकि मैं जो भी करती हूं उसपर पूरा विश्वास होता है. लोग जनसंपर्क का काम करते हैं लेकिन मैं पशोपेश में ही रह जाती हूं. मुझे नहीं पता कि यह कैसे किया जाता है. मैं लाइम-लाइट से दूर रहती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मेरा काम बोलना चाहिए.’’
‘अशोक’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘चमेली’, ‘ओमकारा’, ‘जब वी मेट’ और ‘तलाश’ जैसी फिल्मों में काम करके करीना ने हिन्दी सिनेमा में अपने लिए स्थान बना लिया है. करीना का कहना है कि अभिनेत्री बनना हमेशा से उनका सपना रहा था और उनके माता-पिता रणधीर कपूर और बबीता ने हमेशा उनके निर्णय का समर्थन किया. अभिनेत्री का कहना है कि यह बहुत पुरानी सोच है कि कपूर खानदान की महिलाओं को अभिनय करने की अनुमति नहीं है.