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शाहिद आजमी के भाई खालिद फिल्म ‘शाहिद’ से संतुष्ट

मारे जा चुके वकील शाहिद आजमी के भाई का कहना है कि वे अपने बड़े भाई के जीवन के सफर को पर्दे पर देखकर काफी प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि वे हंसल मेहता द्वारा मानवाधिकारों के वकील आजमी के जीवन पर बनाई गई इस फिल्म से संतुष्ट हैं क्योंकि यह अधिकांशतसही है. वर्ष 1992-93 में […]

मारे जा चुके वकील शाहिद आजमी के भाई का कहना है कि वे अपने बड़े भाई के जीवन के सफर को पर्दे पर देखकर काफी प्रभावित हुए. उन्होंने कहा कि वे हंसल मेहता द्वारा मानवाधिकारों के वकील आजमी के जीवन पर बनाई गई इस फिल्म से संतुष्ट हैं क्योंकि यह अधिकांशतसही है.

वर्ष 1992-93 में मुंबई को दहलाने वाले सांप्रदायिक दंगों में उनकी गिरफ्तारी से कानून की डिग्री के लिए उनका पंजीकरण होने तक शाहिद के जीवन में एक बॉलीवुड फिल्म की तरह तमाम उतार-चढ़ाव आए. जेल की सजा काटकर आने के बाद शाहिद आपराधिक मामलों में बचाव पक्ष के वकील बने.

वे समाजवादी पार्टी के नेता अबु आसिम आजमी के भतीजे थे और मुंबई रेल धमाकों में आरोपी आरिफ पानवाला के वकील बनकर आए. पानवाला को 2006 में घाटकोपर बस धमाके मामले में बरी किया गया. उसके बाद वे 26/11 मुंबई हमलों के मामले में फाहीम अंसारी के वकील बने, जिन्हें भी बरी कर दिया दिया गया.

फिल्म ‘शाहिद’ उनकी असल जिंदगी की कहानी को पर्दे पर दिखाती है. 26:11 के मामले में जब वह फाहिम अंसारी का बचाव कर रहे थे तब वर्ष 2010 में उन्हें उन्हीं के कार्यालय में गोली मार दी गई थी.

शाहिद के भाई खालिद ने बताया, ‘‘उसे पर्दे पर देखना काफी भावुक कर देने वाला था. हम चाहते थे कि लोग उसे और उसकी कहानी को जानें और हम इस बात से खुश हैं कि फिल्म इस तरह से सामने आई. फिल्म का लगभग 95 फीसदी हिस्सा बिल्कुल सही है.’’

खालिद ने कहा, ‘‘लोगों को उसके द्वारा किए गए कामों का पता होना चाहिए. कानून के गलत पक्ष के कारण झूठे मामलों में फंसाए गए गरीबों और जरुरतमंदों की मदद की उसी भावना के बारे में लोगों को जानना चाहिए.’’फिल्म में एक ऐसा दृश्य है जिसमें अदालत कक्ष के बाहर शाहिद का चेहरा हमलावर पूरी तरह से काला कर देते हैं.

खालिद ने कहा, ‘‘यह फिल्म का शेष 5 फीसदी हिस्सा है जहां फिल्मकार ने नई चीजें जोड़ने का अधिकार लिया है लेकिन हम सभी पारिवारिक सदस्य हंसल मेहता :निर्देशक: के साथ हैं. हम इस बात से खुश हैं कि कोई फिल्म के माध्यम से मेरे भाई की कहानी बता रहा है.’’

शाहिद का सात वर्षीय कानूनी कॅरियर गरीबों और उन लोगों के न्याय सुनिश्चित करने के लिए समर्पित था, जिनपर आरोप लगाए गए थे.

खालिद ने कहा, ‘‘मेरा उसके साथ बहुत अच्छा संबंध था. वह मेरे लिए एक करीबी मित्र की तरह था. मैं उसे सबकुछ बताता था. वह मेरे लिए मेरे दोस्त और एक शिक्षक की तरह था.’’ 18 अक्तूबर को प्रदर्शित होने वाली इस फिल्म में शाहिद की भूमिका ‘काई पो चे’ के राजकुमार यादव ने निभाई है.

खालिद ने कहा, ‘‘उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और बेहतरीन काम किया है. उन्होंने फिल्म को अपना 100 फीसदी दिया है और असली दिखने के लिए हर प्रयास किया है.’’

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