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कैंसर रोकेगी बीपी की दवा

आमतौर पर ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल होने वाली एक दवा कैंसर से लड़ने में मददगार साबित हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि लोसार्टन नाम की यह दवा ठोस ट्यूमर की रक्त वाहिकाओं को खोलकर कैंसर के रोगियों को फायदा पहुंचाती है. साथ ही उन्होंने यह भ्ज्ञी पाया है कि कैंसर की परंपरागत […]

आमतौर पर ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल होने वाली एक दवा कैंसर से लड़ने में मददगार साबित हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि लोसार्टन नाम की यह दवा ठोस ट्यूमर की रक्त वाहिकाओं को खोलकर कैंसर के रोगियों को फायदा पहुंचाती है. साथ ही उन्होंने यह भ्ज्ञी पाया है कि कैंसर की परंपरागत दवाओं के साथ ही लोसार्टन के इस्तेमाल से मरीजों की उम्र बढ़ सकती है.

नेचर कम्युनिकेशंस की रिपोर्ट के मुताबिक, चूहों पर सफल परीक्षण करने के बाद अब डॉक्टरों की योजना अग्नाशय के कैंसर के रोगियों को लोसार्टन देने की है. अग्नाशय के कैंसर का इलाज काफी मुश्किल है और इस बीमारी के केवल पांच प्रतिशत मरीज ही बीमारी होने के बाद पांच साल तक जिंदा रह पाते हैं. इसकी खास वजह यह है कि इस बीमारी के दस रोगियों में केवल एक के ट्यूमर का ही ऑपरेशन संभव हो पाता है.

चूहों पर परीक्षण : मेसाचुसेट्स के दल ने पाया कि दवा से स्तन और अग्नाशय कैंसर से पीड़ित चूहों को फायदा मिला. इसके इस्तेमाल से ट्यूमर में और उसके आसपास रक्त के प्रवाह में सुधार देखा गया. इस स्थिति में लक्ष्य तक अधिक मात्र में कीमोथेरपी की दवाएं पहुंचायी जा सकती हैं. सिर्फ प्रचलित कीमोथेरपी इलाज के बजाय चूहों को यह इलाज दिया गया और वो लंबे समय तक जिंदा रहे. कैंसर रिसर्च यूके की एम्मा स्मिथ ने बताया, चूहों पर किया गया यह रोचक अध्ययन इस बात पर रोशनी डालता है कि हाइपरटेंशन की दवाएं आखिर क्यों कीमोथेरपी के असर को बढ़ा सकती हैं. अभी नहीं जानते हैं कि वो उसी तरह इंसानों पर भी काम करेंगी.

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