ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान एक अक्तूबर को कोलकाता में कंसर्ट रहमान-ए-इश्क पेश करेंगे. वह 10 साल बाद कोलकाता में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं. अपने कंसर्ट के सिलसिले में रहमान कोलकाता आये हैं. कंसर्ट के पूर्व प्रप्रभात खबर के पुरुषोत्तम तिवारी ने रहमान से संगीत के विभित्र पहलुओं, संगीत के आध्यात्मिक पक्ष, शेखर कपूर निर्देशित फिल्म पानी से संबंधित योजनाएं व अन्य पहलुओं के संबंध में बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल : कोलकाता में काफी समय के बाद आपका कोई कंसर्ट होगा?
जवाब : हां, कोलकाता में मेरा यह बहुत दिनों के बाद कोई कंसर्ट होगा. मुझे यहां लोगों के समक्ष प्रस्तुति देना अच्छा लगता है. मैं पहले 2003 में कोलकाता आया था. उस समय कोलकाता ने मुझे जो ऊर्जा दी थी, वह आज भी मेरे अंदर गूंजती है.
सवाल : सम्मान मिलने पर कैसा अनुभव होता है?
जवाब : हां, मुझे भी सम्मान मिलने से खुशी होती है, पर मैं समझता हूं कि यह जो सम्मान मिलता है, वह उन लोगों को सम्मान है, जो मुझ पर भरोसा करते हैं. साथ ही जिन लोगों ने मुझे सिखाया है, वह उनका भी सम्मान है. हर सम्मान मिलने के बाद मुझे लगता है कि संगीत के प्रति मेरी जिम्मेदारी और बढ. गयी है.
सवाल : क्या संगीत की साधना ईश्वरीय साधना है ?
जवाब : संगीत मेरे लिए पूजा है. आराधना है. संगीत को प्रस्तुत करते समय या धुन बनाते समय मुझे अनुभव होता है कि मेरा संबंध ईश्वरीय सत्ता से हो गया है. ईश्वर की कृपा से ऐसी धुन लोगों को बेहद पसंद आती है. मेरे कुछ प्रशंसक, जो मुझे संगीत का भगवान कहने लगे हैं. यह ईश्वर की कृपा है कि लोग ऐसा कहते हैं, पर मैं भगवान नहीं, अपने को साधारण इंसान मानता हूं. संघर्ष के दिनों में संगीत ही है जिसने मुझे टूटने से बचाया और खड़ा किया. भारतीय शास्त्रीय संगीत को विदेशों में पूरे सम्मान के साथ देखा जाता है.
सवाल : नयी पीढ़ी पाश्चात्य संगीत को ओर झुक रही है?
जवाब : यह सही है कि नयी पीढ़ी आज पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हुई है, लेकिन अंतत: उसे भी भारतीय सांस्कृतिक संगीत में आनंद और शांति मिलती है. बॉलीवुड के सिनेमा में कुछ फूहड. गीत प्रस्तुत होते हैं, जो क्षण भर लोगों को आकर्षित करते हैं, लेकिन टिकते नहीं हैं. ऐसे गानों से बेचैन होने की जरूरत नहीं है.
सवाल : शेखर कपूर की अगली फिल्म ‘पानी’ को लेकर आप कितने आशान्वित हैं ?
जवाब : मैं शेखर कपूर के निर्देशन वाली अगली फिल्म ‘पानी’ में काम करने को लेकर आशान्वित हूं. और यह एक अच्छे इरादे वाली फिल्म है. यह अंतत: हो रहा है. मुझे लगता है कि यह काफी उत्साहजनक परियोजना है. शेखर कपूर से मैंने काफी कुछ सीखा है. मेरा मानना है कि ‘पानी’ का फिल्म के रूप में एक नेक इरादा है. मैं इसमें काम करने को लेकर आशान्वित हूं.